Shahdol News: 75 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए उपसंचालक को 4 साल की सजा,9 साल बाद आया कोर्ट का फैसला
Shahdol (संवाद)। बीते 9 साल पहले नगर तथा ग्राम निवेश शहडोल के उपसंचालक के द्वारा कॉलोनी निर्माण की मंजूरी देने के एवज में शिकायतकर्ता से 75 हजार की रिश्वत लेने के दौरान लोकायुक्त टीम रीवा के द्वारा रंगे हाथ गिरफ्तार करने की कार्यवाही की गई थी जिसमें प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शहडोल के द्वारा मामले की सुनवाई के दौरान दोनों धाराओं में रिश्वतखोर आरोपी को 4-4 साल की ससराम कारावास और ₹5000 के अर्थ दंड से दंडित किया है।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से श्रीमती कविता कैथवास विशेष लोक अभियोजक शहडोल द्वारा सशक्त पैरवी की गई।
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि दिनांक 13 अप्रैल 2014 को शिकायतकर्ता हरीश अरोरा पिता स्व0 श्री इंद्रराज अरोरा उम्र 45 वर्ष पाण्डव नगर शहडोल ने एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को इस आशय का प्रस्तुत किया कि वह ग्राम कुदरी तह0 सोहागपुर में उसकी पत्नी श्रीमती रज्जी अरोरा के नाम से 21 एकड़ भूमि जिसमें एक कॉलोनी/टाउनसिप का निर्माण करना चाह रहा था जिसके सबंध में उसने आरोपी शैलेश विनायक कोहद उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश को टाउनशिप का नक्शा पास करने के एवज में 75 हजार के रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर लोकायुक्त संगठन रीवा द्वारा ट्रेप कार्यवाही के दौरान दिनांक 17 अप्रैल 2014 को आरोपी को कार्यालय उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश में 75 हजार रुपये नगद रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,13(1)डी,13(2) के अधीन चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
मामले की सुनवाई 22 नवम्बर 2023 को श्रीमान आमोद आर्य प्रथम अपर सत्र न्यायाधीष (विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) शहडोल के द्वारा विषेष सत्र प्रकरण क्र. 03/16 शासन विरूद्ध शैलेष विनायक कोहद तात्कालीन उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश शहडोल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,13(1)डी तथा 13(2) दोनों धाराओं में 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रू के अर्थदंड से दंडित किया गया।
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