उमरिया (संवाद)। मशहूर फिल्म “कागज” के मुख्य कलाकार पंकज त्रिपाठी को प्रशासनिक चूक या गलती के कारण सरकारी दस्तावेज में मृत दर्ज कर दिया गया था, जबकि वह जिंदा रहा है।इसके बाद उसने किस तरीके कई साल तक अपने जिंदा होने के सरकारी प्रमाण के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाता रहा। इसके बाद कई बार जबरजस्ती करते हुए कानून भी अपने हाथ मे लिया तब कहीं जाकर कई वर्ष बीतने पर वह सरकारी रिकार्ड में जिंदा हो पाया था। इसी तरीके का वाकया अजब गजब मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग को 11 साल पहले सरकारी रिकॉर्ड में मृत दर्ज कर दिया गया था। तब से लेकर आज तक वह बुजुर्ग अपने जिंदा होने के प्रमाण के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। लेकिन उसे सिर्फ हताशा और परेशानी के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हो पा रहा है।
Umaria: सरकारी कागज में मर चुके जिंदा लोग मांग रहे इंसाफ,11 वर्ष से सरकारी दफ्तरों के काट रहे चक्कर
ताजा मामला उमरिया जिले के मानपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम मुगवानी का है, जहां 11 वर्ष से एक 70 वर्षीय वृद्ध पीड़ित रामकिशोर कोल को सरकारी सिस्टम ने अपने सरकारी रिकॉर्ड में मृत दर्ज कर दिया है। जबकि वह जिंदा है और अपने परिवार के साथ रह रहा है। उसके द्वारा अपने को जिंदा साबित करने सरकारी सिस्टम की चौखट चाट रहा है, बाबजूद इसके उसे जिंदा करने या बताने वाला कोई नहीं है। आस पड़ोस के लोग भी बेहद परेशान हैं कि यह आदमी रामकिशोर कोल तो जिंदा है मगर सरकारी कागज इसे मरा बता रहे हैं।
Umaria: सरकारी कागज में मर चुके जिंदा लोग मांग रहे इंसाफ,11 वर्ष से सरकारी दफ्तरों के काट रहे चक्कर
ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने समग्र पोर्टल में ही उसको मृत घोषित कर दिया, इस कारण से उसे राशन व अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, अपने ऊपर हो रहे अन्याय को लेकर पीड़ित ने खुद आपबीती मीडिया को सुनाई। वहीं वृद्ध के भाई ने पूरा घटनाक्रम बताया और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग जिला प्रशासन से की है। जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी मामले की जांच कराकर कार्यवाही करने की बात कही है।