त्योहारों के दौरान नगदी की कमी :- हर तीसरा एटीएम खराब या आउट ऑफ कैश; बैंकों का सिर्फ नाम, एटीएम का जिम्मा संभाल रहे वेंडर प्रवीण मालवीया एटीएम का मेंटेनेंस-सर्विलांस, कैश डालने का काम सब कुछ आउटसोर्स हो चुका है। ग्राहक एटीएम का जितना इस्तेमाल करते हैं, उस हिसाब से वेंडर्स को कमीशन मिलता है। 66 भाई साहब! यह मेरा पांचवां एटीएम है। पिछले चार एटीएम से धक्के खाकर आ रहा हूं। कहीं भी पैसा नहीं है। पिछले एटीएम में गया था तो वहां चार गायें बैठी थीं।यह कहना है भोपाल के रहने वाले दयाचंद का। दैनिक भास्कर टीम की मुलाकात दयाचंद से उस वक्त हुई, जब वह पैसा निकालने के लिए एटीएम के चक्कर काट रहा था। दयाचंद ने बताया कि उसे गैस एजेंसी से सिलेंडर भरवाना है। वहां ऑनलाइन पेमेंट नहीं होता इसलिए एटीएम से पैसा निकालने गया। मगर उसे एमटीएम या तो बंद मिला या फिर लिखा था कि नकदी नहीं है।दैनिक भास्कर ने जब राजधानी के नादरा बस स्टैंड, बैरसिया रोड, हमीदिया रोड, न्यू मार्केट से लेकर होशंगाबाद रोड के 100 से ज्यादा एटीएम की पड़ताल की तो हर तीसरा एटीएम या तो खराब मिला या आउट आफ कैश। इस पूरी पड़ताल में ये भी पता चला कि अब एटीएम पर केवल बैंक का नाम लिखा है, एटीएम का मेंटेनेंस-सर्विलांस, कैश डालने का काम सब कुछ आउटसोर्स हो चुका है। बैंक केवल एटीएम की ट्रे में रखने के लिए पैसा देता है।
त्योहारों के दौरान नगदी की कमी :- एटीएम का ग्राहक जितना इस्तेमाल करते हैं, उस हिसाब से वेंडर्स को कमीशन मिलता है। इसे लेकर भास्कर ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के चेस्ट बैंक के डीजीएम से बात की तो उन्होंने कहा- एटीएम के संचालन का काम भले ही वेंडर्स को सौंपा गया है, मगर बैंक भी निगरानी करते हैं। पहले इन तीन मामलों से समझिए, कैसे परेशान हो रहे लोग1. एटीएम में पैसा नहीं, गार्ड मौजूद नादरा बस स्टैंड तिराहे पर बने एसबीआई के एटीएम में जब भास्कर की टीम पहुंची तो यहां एक गार्ड बैठा था। एटीएम का गेट खोलते ही गार्ड ने कहा- सारी मशीनें खराब हैं। उसी दौरान एटीएम में पहुंचे अनस मोहम्मद ने बताया कि इस एटीएम के हाल बेहाल हैं। यहां अक्सर मशीन खराब ही रहती है। भोपाल के नादरा बस स्टैंड पर एटीएम के गार्ड ने बताया कि सारी मशीनें खराब हैं। 2. चार एटीएम भटकने के बाद मिला कैश घोड़ा नक्कास एटीएम में मिले लखन सिंह गंगवार ने बताया- मैं बैरसिया से आया हूं। लांबाखेड़ा, भोपाल टाकीज से लेकर बस स्टैंड तक एटीएम बंद पड़े थे। तौल कांटा पर आया तो यहां के कियोस्क में भी तीन में से दो मशीनें खराब पड़ी थीं।
त्योहारों के दौरान नगदी की कमी :- आखिर में एक एटीएम मिला, जो चालू हालत में था। वहां से पैसे निकाले। 3. बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन तक नो कैश सिंधी कॉलोनी चौराहे पर बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के साथ एटीएम अटैच है। बैंक बंद होने के साथ एटीएम बूथ का शटर भी गिर जाता है। हमीदिया रोड शहर की प्रमुख व्यवसायिक रोड है लेकिन यहां इंडियन बैंक का एटीएम खराब पड़ा है। मैं बैरसिया से आया हूं, कैस की जरूरत थी तो बस स्टैंड के एटीएम गया। यहां तो सभी बंद पड़े हैं। एक डेढ़ किमी पैदल चलने के बाद मुझे एक एटीएम मिला जहां पैसा था। -लखन सिंह गंगवार, निवासी, बैरसिया नए शहर में ज्यादातर एटीएम बंद नए शहर के हालात भी पुराने शहर से अलग नहीं हैं। होशंगाबाद रोड पर आशिमा माल के नजदीक एसबीआई का एटीएम बंद मिला तो इस रोड से लगे दानिश नगर में भी सेंट्रल बैंक और एसबीआई के एटीएम बंद पड़े थे। इसी इलाके में भेल संगम चौराहे के नजदीक एक्सिस बैंक के एटीएम के हालात ऐसे हैं कि लोग रुपए तक नहीं निकाल पाते। यहां एटीएम बूथ के कांच टूटे हैं। अक्सर जानवर यहां घुस आते हैं।
त्योहारों के दौरान नगदी की कमी :- दैनिक भास्कर की टीम जब मौके पर पहुंची तो यहां एटीएम बूथ के अंदर एक गाय अपने बछड़े के साथ बैठी दिखी। कुछ ही देर में दो गायें और आ गईं। इसी के बगल में एसबीआई का एटीएम भी है लेकिन वह भी खराब पड़ा था। कुछ दूरी पर कृष्ण आर्केड के पास बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच है, साथ ही एटीएम है। इस बूथ में एटीएम और पासबुक प्रिंटर है। प्रिंटर तो चालू मिला लेकिन एटीएम खराब मिला। भोपाल के कई एटीएम में गार्ड तो नहीं, गायें जरूर मिल जाती है। एटीएम पर लिखा- आउट ऑफ सर्विस बाग सेवनिया थाने से कटारा हिल्स जाने वाली रोड पर तिराहे के नजदीक एसबीआई का बूथ हैं, यहां दो एटीएम हैं। ट्रांजेक्शन करने पर स्क्रीन पर मैसेज फ्लैश होता है- सर्विस मौजूद नहीं है। यही हाल बाग सेवनिया मार्केट के एटीएम बूथ का भी मिला। एटीएम खराब होने की समस्या निजी बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंकों में ज्यादा नजर आती है। डिपो चौराहे के नजदीक लगा एक बोर्ड एसबीआई एटीएम का रास्ता दिखाता है। अंदर गली में एटीएम नजर भी आता है लेकिन गेट खुला हुआ है। अंदर कैमरा लटका है। स्क्रीन पर इसके आउट ऑफ सर्विस होने का मैसेज लगातार डिस्प्ले हो रहा है।
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