Umaria News: मां के मरने के बाद भोजन त्यागा हाथी शावक,मां की तलाश में भटक रहा यहां वहां, वन अमला ने किया शावक का रेस्क्यू

Editor in cheif
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उमरिया (संवाद)। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते दिनों हुए 10 जंगली हाथियों की मौत मामले में एक हाथी शावक की मां की भी मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद हाथी सावन अपनी मां की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है, इतना ही नहीं शावक भोजन भी त्याग दिया है। उसकी यह हालत वन विभाग की टीम लगातार उसके निगरानी कर रहा था इस बीच बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम ने हाथी सावक का रिस्क कर बांधवगढ़ में सुरक्षित रख लिया है।

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बीते तीन-चार दिनों से भटक रहे हाथी शावक अपनी मां हथिनी को ढूंढते ढूंढते चंदिया इलाके के आसपास और फिर महानदी पर करके कटनी जिले के विधायक कला के जंगलों के आसपास भटक रहा था। हालांकि इस दौरान वन विभाग की टीम के द्वारा भटक रहे हाथी सावन की निगरानी की जा रही थी। इस बीच वन हमला नहीं है अभी देखा कि हाथी अपनी मां की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है इस दौरान वह भोजन आदि ग्रहण भी नहीं कर रहा है।

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हाथी शावक के इधर-उधर भटकने से जहां इंसान के जान माल का खतरा बना हुआ था वही हाथी सावन के द्वारा अपनी मां की तलाश में व्यथित रहा है तब जाकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम ने हाथी शावक का रेस्क्यू कर उसे बांधवगढ़ में सुरक्षित रखने और उसकी देखरेख करने का निर्णय लिया है। हाथी सावक का रेस्क्यू की उपरांत उसे डॉक्टर के निगरानी में रखा जाएगा। बताया गया कि हाथी सावके रेस्क्यू के दौरान चार हाथियों के दल और करीब 100 वन कर्मी थे शामिल हुए थे जिसे धान के खेत में रात भर वन कर्मी पहरा देते रहे। इसके बाद आज सुबह से ही हाथी शावक का रिस्क करने बांधवगढ़ की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है और उसे पिकअप वाहन के माध्यम से बांधवगढ़ ले जाया गया है।

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बता दें कि बीते दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खतौली परिक्षेत्र अंतर्गत सलखनिया में 10 जंगली हाथियों की मौत को दो फसल खाने से हो गई थी। इस बड़े मामले में बांधवगढ़ से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक हड़कंप मचा रहा। सभी के मन में इतनी ज्यादा तादाद में एक साथ हाथी के मारे जाने की असली वजह जानने की रही है। इस दौरान हाथियों का पीएम उपरांत मौत की वजह जानने के लिए सैंपल फॉरेंसिक लैब भेजे गए थे।

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फॉरेंसिक लैब बरेली उत्तर प्रदेश से आई रिपोर्ट के बाद
 एपीसीसीएफ वन्य प्राणी एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि मंगलवार को मृत हाथियों के विसरा सैंपल की विषाक्तता रिपोर्ट केंद्र सरकार के आयवीआरआई (Indian Veterinary Research Institute) बरेली (उत्तर प्रदेश) टॉक्सिकोलॉजिकल रिपोर्ट के अनुसार नाइट्रेट-नाइट्राइट, भारी धातुओं के साथ-साथ ऑर्गनोफॉस्फेट, ऑर्गनोक्लोरीन, पाइरेथ्रोइड और कीटनाशकों के कार्बामेट समूह की उपस्थिति के लिए नकारात्मक पाई गई है।

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रिपोर्ट के अनुसार हाथियों में साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड पाया जाना बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार यह भी पता चलता है कि हाथियों ने बड़ी मात्रा में खराब कोदो पौधे/अनाज खाए है। नामुमो में पाए गए साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड की विषाक्तता की वास्तविक गणना और आगे की जा रही है। आयवीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में आस-पास के क्षेत्रों में ध्यान रखने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. जिसमे ग्रामीणों में जागरूकता, खराब फसल में मवेशियों को न चराने, इस पर और अध्ययन करने जैसे बिंदु दिए गए है, जिसे प्रबंधन पालन करा रहा है।

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