छप्पर फाड़ पैसा बरसाने के लिए किसान भाई कर सकते है पुदीने की खेती, जानिए खेती का तरीका और होने वाला लाभ

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mint farming

छप्पर फाड़ पैसा बरसाने के लिए किसान भाई कर सकते है पुदीने की खेती, जानिए खेती का तरीका और होने वाला लाभ ,नमस्कार दोस्तों आज हम आपको खेती समाचार में पुदीने की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसका एक दूसरा नाम मिंट भी है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसका उपयोग जड़ी बूटी के लिए भी किया जाता है. इतना ही नहीं इसका उपयोग तो अन्य भी कई प्रकार से किया जाता है और मार्केट में इसकी साल भर डिमांड बनी रहती है इसे किसानों को बहुत अच्छा मुनाफा होता है. जो भी किसान पुदीने की खेती करता हैउसके पास पैसों की कमी नहीं होती है. आपको बता दे की बाजार में इसका भाव 100 से 150 रुपए पसेरी (5 kg) है. आप अगर एक हेक्टेयर में इसकी खेती करते हैं तो आप ₹100000 से सवा लाख तक का मुनाफा कर सकते हैं.

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अगर आप भी इसकी खेती करना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की पुदीने की खेती के लिए आपको समशीतोष्ण जलवायु के साथ-साथ उष्ण एवं उपोषण जलवायु की भी आवश्यकता होती है. साथ ही ज्यादा ठंड वाले महीना को छोड़कर इसे आप साल भर खेती कर सकते हैं. पुदीने की खेती गहरी उपजाऊ मिट्टी वाली जलधारण क्षमता मैं अच्छी मानी जाती है. इसी के साथ इसको जल्द जमा वाली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. क्योंकि इसकी खेती के लिए मिट्टी में नमी होना आवश्यक है और मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 होना चाहिए.

छप्पर फाड़ पैसा बरसाने के लिए किसान भाई कर सकते है पुदीने की खेती, जानिए खेती का तरीका और होने वाला लाभ

इसकी खेती करने से पहले आपको इसके कुछ उन्नत किस्म की जानकारी होना भी आवश्यक है. इसे आपकी पैदावार भी अच्छे होंगे और आपको मुनाफा भी अच्छा मिलने वाला है.आप मुख्य रूप से पुदीने की खेती के लिए कोशी, कुशाल , सक्ष्म, गौतमी, शिवालिक, हिमालय और संकर 77 का प्रयोग कर सकते हैं. आपको बता दे कि इसकी खेती जल निकासी वाली भूमिका अच्छी मानी जाती है जिसका पीएच मान 6 से 7.5 होना चाहिए. इसी के साथ इसकी खेती से पहले खेत की जुताई कर्म भूमि को समतल बना ले और अंतिम जुताई में प्रति हेक्टेयर 10 टन गोबर की खाद मिलकर 50 किलोग्राम नाइट्रोजन और 60 किलोग्राम फास्फोरस के साथ 45 किलो पोटाश डाल दे. इससे आपके पुदीने की पैदावार में वृद्धि होगी.

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दोस्तों इसकी बुवाई के बाद अगला काम आता है जड़ों की रोपाई करना जो की 15 जनवरी से 15 फरवरी के बीच होता है. अगर आप देर से इसकी बुवाई करते हैं तो इसमें तेल की मात्रा कम हो जाती है. लेकिन कुछ-किस में ऐसी भी है जिसे मार्च तक रोपाई कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले पुदीने की खेती को एक छोटी सी प्यारी में लगा दें जिसमें की नियमित रूप से सिंचाई करते रहें और जब जड़ थोड़ी-थोड़ी बढ़ जाए तो इसे पहले से तैयार खेत में लगा दे. अगर आप इस विधि से खेती करते हैं तो पुदीने की खेती में आपको अधिक पैदावार देखने को मिलती हैं और किसानों को ज्यादा उत्पादन के लिए को देने की अच्छी किस्म का चयन करना भी आवश्यक है इससे कम समय में आपको ज्यादा लाभ मिल जाता है.

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