Bandhavgarh Tiger Rijarve:-एक साथ 2 बाघों का शिकार,लेकिन बांधवगढ़ के अमले को नही लगी भनक

उमरिया (बाँधवगढ़)। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का भारी भरकम अमला अब सवालों के घेरे में है। कारण यह कि इतना सब कुछ होने के बाद भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 2 बाघों का शिकार हो गया और विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। मतलब साफ है जिम्मेदार कहीं ना कहीं अपने निजी स्वार्थो के चलते ऐसी घटनाओं के लिए अपनी आंखें बंद कर लेते हैं। पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस मना रहा है लेकिन ऐसे में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से दो बाघों का शिकार के कारण मौत हो जाना और उसके अवशेष बरामद होना बड़ा ही चिंताजनक है।
हालांकि मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन भले ही बाघों के अवशेष बरामद कर लिए हो और आरोपियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रहे हो। लेकिन बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में उनकी समूची जिम्मेदारी और कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही और फेलुअर ही माना जाएगा। जानकार बताते हैं कि टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघ की मॉनिटरिंग उसकी देखरेख सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करना है। इसके लिए शासन ने भारी भरकम अमला उपलब्ध कराया है वहीं लाखों करोड़ों रुपए की राशि भी खर्च करता है। बावजूद इसके बांधवगढ़ प्रबंधन बाघों की सुरक्षा की बजाय अपने निजी स्वार्थो के चलते बाघों के शिकार कराने में अमादा है।
हाल ही में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम रोहनिया में बड़ी मात्रा में मिले बाघ के अवशेष से एक बात तो यह स्पष्ट हो जाती है कि बाघ सहित अन्य जंगली जानवरों का शिकार यहां निरंतर होते रहता है। यह तो शिकारियों का दुर्भाग्य कहें या बांधवगढ़ अमले का सौभाग्य जो इसकी जानकारी उन्हें मिल गई। जिसके कारण बांधवगढ़ अमले ने छापामार कार्रवाई करते हुए बाघ के नाखून, जबड़े और दांत बरामद कर लिए हैं। विभाग ने मामले में 5 आरोपी भी बनाए हैं जिसमें 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है वही 2 आरोपी फरार बताए गए हैं।
हालांकि मृत 2 बाघों के बरामद किए गए अवशेष के अलावा भी खाल,हड्डी या अन्य अवशेष अभी भी बरामद करना शेष है। देखना होगा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन बांधवगढ़ में बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में क्या कदम उठाता है, या फिर अपने निजी स्वार्थों के चलते बाघों की ऐसी ही बलि चढ़ाता रहेगा.?
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