24 घंटे से ज्यादा की कड़ी मशक्कत के बाद हिंसक बाघ ने छोड़ा रिहायशी इलाका,2 दिन तक मासूम के घर के आसपास जमाया था डेरा

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उमरिया/बांधवगढ़ (संवाद)।

बांधवगढ टाईगर रिजर्व के जंगल की सीमा से लगे मानपुर जनपद के ग्राम रोहनिया (ज्वालामुखी) में हिंसक बाघ के द्वारा एक 15 माह के मासूम और उसकी मां अर्चना के ऊपर हमला कर घायल करने के बाद रिहायशी इलाके में डेरा जमाए हिंसक हो चुके बाघ को बाँधवगढ़ की टीम और वन अमले ने 24 घंटे से ज्यादा की कड़ी मशक्कत के बाद किसी कदर बाघ को जंगल की ओर खदेड़ दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक हिंसक हो चुके और लगातार रिहायशी इलाके में बाघ की मूवमेंट होने होने से मानव जीवन पर खतरा मंडरा रहा था। जिसके लिए बांधवगढ प्रबंधन और वन अमले की टीम ने 24 घंटे ज्यादा के समय से 3 प्रशिक्षित हांथियो और 14 ट्रैप कैमरों की मदर से बाघ की मूवमेंट की निगरानी और उसे जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश में जुटा था। लेकिन इंसानी हमले के बाद हिंसक हो चुका बाघ लगातार रिहायशी इलाकों की तरफ मूवमेंट बनाये हुआ था। टीम के लगातार प्रयास से आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद हिंसक बाघ को जंगल की तरफ ले जाया गया है। फोटो और वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है कि हिंसक बाघ किस कदर इधर से उधर टीम को नचाता रहा लेकिन वह रिहायसी इलाका छोड़ने को तैयार नही था । लेकिन प्रबंधन के लगातार प्रयास से वह परेशान होकर बांधवगढ की दमना बीट के जंगल की ओर चल गया है।फिलहाल अब मानव जीवन के ऊपर मंडरा रहे खतरे को टाला जा चुका है।
बता दे कि कि मानपुर परिक्षेत्र के ग्राम रोहनिया में दो दिन पहले अर्चना चौधरी और उसके 15 महीने के मासूम बेटे राजबीर चौधरी पर इसी नर बाघ ने हमला कर दिया था। जिससे दोनों को गंभीर चोटें आई है और उन दोनों का इलाज जबलपुर हॉस्पिटल में कराया जा रहा है। घटना के बाद से ही पार्क अमला अलर्ट मोड पर था। वहीं हमले के बाद से ही टाइगर गांव के आसपास ही आबादी वाले क्षेत्र में मौजूद था। हिंसक नर बाघ के रिहायशी इलाका छोड़ते ही पार्क प्रबंधन ने टैप कैमरे निकाल लिए है। बाघ के हमले के बाद 48 घण्टे के बाद भी गांव में टाइगर मूवमेंट की खबर ने ग्रामीणों को दहशत में रखा है। 
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