उमरिया (संवाद)। महिला के खिलाफ जिला बाजार की कार्यवाही पर हैरानी जताते हुए हाईकोर्ट जबलपुर ने शहडोल कमिश्नर के के कामकाज को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। हाई कोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने जिला बदर की कार्यवाही को निरस्त करते हुए कहा कि कमिश्नर को डाकघर में काम करने वाले अधिकारी की तरह काम नहीं करना चाहिए, कि डाक आई और मार्क कर दिया।
हाईकोर्ट ने उमरिया कलेक्टर के ऊपर लगाया 25 हजार का जुर्माना,महिला के जिला बदर मामले में लगी कास्ट
किसी भी आवेदन पत्र या मामले के दस्तावेज को अवलोकन करने और उस पर अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए। हाई कोर्ट ने उमरिया कलेक्टर पर 25 हजार का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। मामला उमरिया जिले का है जहां बिरसिंहपुर पाली निवासी मुन्नी उर्फ माधुरी तिवारी के खिलाफ जिला बदर किए जाने का आदेश दिया गया था।
हाईकोर्ट ने उमरिया कलेक्टर के ऊपर लगाया 25 हजार का जुर्माना,महिला के जिला बदर मामले में लगी कास्ट
मुन्नी बाई ने कलेक्टर के जिला बदर के आदेश के खिलाफ कमिश्नर शहडोल के समक्ष अपील की लेकिन कमिश्नर ने भी उमरिया कलेक्टर के आदेश को बरकरार रखा, इसी मामले को मुन्नीबाई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी। याचिका करता की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पक्ष रखते हुए दलील दी कि उसके खिलाफ सिर्फ 6 अपराधिक प्रकरण दर्ज है।
हाईकोर्ट ने उमरिया कलेक्टर के ऊपर लगाया 25 हजार का जुर्माना,महिला के जिला बदर मामले में लगी कास्ट
मुन्नी बाई के ऊपर धारा 110 के तहत दो मामले और दो मामूली मारपीट की धाराओं के दर्ज हैं। इसके अलावा दो प्रकरण एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं हालांकि उसे किसी भी आपराधिक प्रकरण में सजा नहीं हुई है कोर्ट ने पाया कि कलेक्टर ने थाना प्रभारी पाली मदनलाल मरावी के बयान के आधार पर महिला के खिलाफ जिला बदर का आदेश पारित किया है थाना प्रभारी ने अपने बयान में स्वीकारा है कि एनडीपीएस एक्ट के एक प्रकरण में आरोपी रमेश सिंह सिंगर के बयान के आधार पर याचिकाकर्ता महिला मुन्नी बाई उर्फ माधुरी तिवारी को आरोपी बनाया गया था।