(संवाद)। राजनीति के गलियारों मे महाराज के नाम से मशहूर ज्योतिरादित्य सिंधिया का अंदाज इन दिनों बदला-बदला नजर आ रहा है। चाहे पब्लिक कार्यक्रमों की बात हो या फिर कोई अन्य मौका। सिंधिया में अपनी महाराज की छवि तोड़ने की बेताबी साफ नजर आती है। उनकी इस कवायद को खुद को जननेता साबित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अंदाजा तो यह भी लगाया जा रहा कि वह सीएम फेस के तौर पर शिवराज को टक्कर देने की फिराक में भी हैं।
सिंधिया के मन में क्या?
कल ग्वालियर में सफाई कर्मचारियों के सम्मान के दौरान सिंधिया ने एक सफाईकर्मी के पैर छुए। सिर्फ इतना ही नहीं दीप प्रज्वलन से पूर्व वह अचानक मंच से उतरे और एक महिला सफाईकर्मी को अपने साथ ले गए। फिर उस सफाई कर्मचारी के हाथों ही दीप प्रज्वलन भी कराया। वह यहीं नहीं रुके। इसके बाद वह महिला को लेकर मंच पर पहुंचे और ससम्मान उसे अपनी बगल की कुर्सी पर बिठाया। बाद में उस महिला ने जो बाद कही, संभवत: वही सिंधिया के मन की भी बात हो। उस महिला ने कहाकि वह सिंधिया को प्रदेश का सीएम बनते हुए देखना चाहती है।
लोगों से जुड़ने की कोशिश
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया ने हमेशा खुद को महाराज के रूप में स्थापित रखा। लेकिन पार्टी बदलते ही अचानक ही उनके अंदर बड़ा बदलाव नजर आने लगा है। कल ग्वालियर के कार्यक्रम से पहले भी वह लोगों से घुलने-मिलने की कवायद करते नजर आए हैं। इसी महीने की बात है जब ग्वालियर में ही एक कुम्हार की दुकान पर बैठकर सिंधिया ने दीये भी बनाए थे। कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने हाथ से खाना खिलाया था। इसके अलावा हजीरा अस्पताल की विजिट के दौरान जब एक बुजुर्ग सिंधिया को पहचान नहीं पाया तो उन्होंने उसे जादू की झप्पी दी थी। सिर्फ इतना ही नहीं, वह हाथ में झाड़ू लेकर सफाई अभियान में भी जुट जाते हैं।
कितनी आसान होगी राह
सिंधिया की तमाम कवायदों से स्पष्ट है कि उनकी महत्वाकांक्षा प्रदेश में बड़े पद की है। अब यह पद कौन सा है यह तो सिंधिया ही जानते होंगे, लेकिन उनकी राह इतनी भी आसान नहीं होने वाली है। खुद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश की राजनीति के बड़े नाम कैलाश विजयवर्गीय हाल ही में कह चुके हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ही सीएम फेस होंगे।
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