भाजपा के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ चुके पूर्व महापौर ने ली भाजपा की सदस्यता

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जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे प्रत्याशियों के दिनों की धड़कन तेज होती जा रही हैं। इस चुनावी घमासान में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी अपने-अपने दांव पेंच लगाने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं को अपने गुट में शामिल करने का सिलसिला भी बड़ी तेजी के साथ चल रहा है। एक ओर जहां भाजपा और अन्य पार्टियों से नाराज कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भाजपा में शामिल होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में एक और नाम पूर्व महापौर व कांग्रेस नेता राजा राम त्रिपाठी का जुड़ गया है।

फिरोज़ खान बागी ✍️

सतना (संवाद) आज चैत्र नवरात्र के पहले दिन हिंदू नव वर्ष के अवसर पर कांग्रेस नेता राजा राम त्रिपाठी ने मैहर पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के हाथों भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है। मंगलवार 9 अप्रैल को चुनावी दौरे पर मैहर पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजाराम त्रिपाठी को भाजपा की सदस्यता प्रदान की ।

पूर्व महापौर रह चुके हैं राजाराम 

राजाराम त्रिपाठी फाइल फोटो 

राजाराम त्रिपाठी सतना लोकसभा क्षेत्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं । नगर निगम सतना के महापौर रह चुके हैं। सन 2009 में कांग्रेस ने राजा राम त्रिपाठी को लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी नहीं बनाया था तो नाराज होकर राजा राम त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी के बैनर तले लोकसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें पराजित होना पड़ा। इसके बाद सन 2019 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राजाराम त्रिपाठी को सतना से प्रत्याशी घोषित किया और इस चुनाव में भी राजा राम त्रिपाठी पराजित हुए। खास बात यह है कि 2009 और 2019 दोनों ही चुनाव में राजा राम त्रिपाठी ने भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह के खिलाफ हुंकार भरी । लेकिन 2024 का लोकसभा चुनाव आते-आते राजाराम त्रिपाठी पाला बदलकर गणेश सिंह के समर्थन में आ गए हैं और भाजपा कार्यकर्ता के रूप में गणेश सिंह के लिए वोट मांगने को तैयार हैं।

19 प्रत्याशी मैदान में 

गौरतलब है कि सतना लोकसभा सीट से कुल 19 प्रत्याशी मैदान में हैं । इनमें लगातार 20 वर्षों से सांसद रह चुके भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह, पूर्व सांसद सुखलाल कुशवाहा के पुत्र व सतना के लगातार दो बार विधायक रहे सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ,तो वहीं कई राजनीतिक दलों से दल बदल कर बसपा में पहुंचे मैहर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी बसपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक रहे हैं।

आसान नहीं राह 

एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी अबकी बार 400 पार का नारा लगा रही है वहीं दूसरी ओर आम मतदाता की खामोशी राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ाती जा रही है। सतना लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां भले ही गणेश सिंह को मोदी फैक्टर का लाभ मिल जाए लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा का एक बड़ा ओबीसी वोट बैंक होने के कारण भाजपा प्रत्याशी के लिए खतरे की घंटी बज रही है तो वहीं विंध्य प्रदेश की मांग करते हुए लंबी लड़ाई लड़ने वाले और ब्राह्मण समुदाय से इकलौते प्रत्याशी नारायण त्रिपाठी के मैदान में उतरने से भाजपाई खेमे में उथल-पुथल मची हुई है। कुल मिलाकर सतना लोकसभा क्षेत्र से किसी के लिए भी यह चुनाव जीत पाना आसान नजर नहीं आ रहा है। आगामी चुनाव परिणाम कई मायनों में खास और महत्वपूर्ण है। यह चुनाव कोई भी जीते या हारे लेकिन जो संयोग बना रहे हैं वह ऐतिहासिक हैं और उसका परिणाम इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा।

 

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