उमरिया (संवाद)। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में स्थित ऐतिहासिक किला और उसमें बने राम जानकी मंदिर श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक दिन के लिए खोला गया। जिसमें लगभग 12 हजार श्रद्धालु बांधवगढ़ के मुख्य गेट से कई किलोमीटर पैदल चलकर किला पहुंचे और किला की लंबी चढ़ाई चढ़ने के बाद किला की चोटी में स्थित श्री राम जानकी मंदिर पहुंचे हैं जहां वह पूजा अर्चना कर वापस लौटे हैं। इस दौरान जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम पूरी मुस्तैदी से जंगल के अंदर पैदल प्रवेश किये श्रद्धालुओं की सुरक्षा में लगे रहे।
Umaria: ऐतिहासिक बांधवगढ़ किले का प्रसिद्ध बांधवाधीश भगवान के हुए दर्शन,हजारो की तादात में पहुंचे श्रद्धालु
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व क्षेत्र मे दुरूह पहाडी में स्थित राम जानकी मंदिर में, महराजा रीवा एवं विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह, विधायक मानपुर सुश्री मीना सिंह , कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन , पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू, जिला पंचायत अध्यक्ष अनुजा पटेल, डीएफओ विवेक सिंह, सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, अपर कलेक्टर शिवगोविंद सिंह मरकाम, एसडीओ फारेस्ट श्री निमामा, एसडीएम मानपुर कमलेश नीरज, मानपुर सीईओ राजेन्द्र शुक्ला ने पहुंचकर पूजा अर्चना की ।
Umaria: ऐतिहासिक बांधवगढ़ किले का प्रसिद्ध बांधवाधीश भगवान के हुए दर्शन,हजारो की तादात में पहुंचे श्रद्धालु
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किये, बांधवगढ टाईगर रिजर्व स्थित ताला मेन गेट से श्रद्धालुओं ने प्रवेश किया। मेले में जिला प्रशासन व्दारा व्यपर व्यवस्थाअयें की गई थी। वन्य जीवो से सुरक्षा हेतु हाथी को प्रहरी के रूप में तैनात किया गया था। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, आपदा प्रबंधन टीम, चिकित्सक तथा वन विभाग के अधिकारी एवं अमला लगातार गस्त कर रहे थे।
Umaria: ऐतिहासिक बांधवगढ़ किले का प्रसिद्ध बांधवाधीश भगवान के हुए दर्शन,हजारो की तादात में पहुंचे श्रद्धालु
गौरतलब है कि सालभर में एक बार बांधवगढ़ स्थित राम-जानकी मंदिर का गेट जन्माष्टमी पर खोला जाता हैं। यहां सबसे पहले पूजा अर्चना करते है। उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगने वाले जन्माष्टमी के मेले के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु टाइगर रिजर्व के अंदर बने किले पर दर्शन हेतु पहुंचते है। सुबह 7 बजे से प्रवेश शुरू हुआ जो 11 बजे तक जारी रहा । दोपहर 2.30 बजे तक वापसी करनी अनिवार्य की गई थी । सायं 5 बजे शाम तक टाइगर रिजर्व से सभी श्रद्धालुओं को बाहर कर दिया गया।