Umaria News: सीएमओ के रहते नगरपालिका का जिम्मा इंजीनियर के हवाले,सीएमओ के द्वारा शिवराज सरकार की मंशा पर फेरा जा रहा पानी

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Umaria (संवाद)। मध्यप्रदेश में आगामी महीने में विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और उसके मुखिया शिवराज सिंह चौहान के द्वारा पूरे प्रदेश के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों और विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों को लाभ पहुंचाने की भरपूर कोशिश में है। लेकिन यह क्या उमरिया जिले की महत्वपूर्ण नगर पालिका परिषद उमरिया में पदस्थ सीएमओ को मध्य प्रदेश सरकार की मंशा और उसके निर्देशों से कोई लेना देना नहीं है। तभी तो वह लगभग महीने भर से ज्यादा के समय से ना तो नगर पालिका पहुंची हैं और ना ही विकास कार्यों की तरफ उनका कोई ध्यान है।
महीने भर से ज्यादा से लापता है सीएमओ
दरअसल इन दिनों एक बात चर्चा का  विषय बनी हुई है।वह यह कि नगर पालिका उमरिया का सीएमओ कौन है? नगर पालिका में स्थित मुख्य नगर पालिका अधिकारी का चेंबर आज कई दिनों से खाली रहता है। जिससे नगर पालिका क्षेत्र के लोग अपनी शिकायतें या जरूरी काम लेकर आते हैं लेकिन सीएमओ के नहीं मिलने से वह है निराश होकर खाली हाथ लौट जाते हैं। जबकि मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा चुनाव से पहले ऐसी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती जिसका असर उसको चुनाव में झेलना पड़े। लेकिन उमारिया नगर में इस समय ना तो समय से कोई कार्य हो रहे हैं, और ना ही आम जनता को मिलने वाले लाभ या जरूरतमंदों का समय से कोई काम हो पा रहा है।
मोबाइल से चल रही नगरपालिका
चर्चा है कि सीएमओ मैडम इन दिनों शहडोल के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, मैडम ने न तो इसके लिए छुट्टी ली है और न ही इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को है। जानकार सूत्रों का कहना है कि मोबाइल के माध्यम से पूरी नगर पालिका धरातल पर चल रही है। सूत्र बताते हैं कि नगर पालिका में पदस्थ सीएमओ ज्योति सिंह महीने भर से ज्यादा के समय से नगर पालिका नहीं आई है। इसके अलावा वह ना तो कलेक्टर कार्यालय में आवश्यक मीटिंग में जाती हैं और ना ही साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में जाती हैं। यह भी जानकारी मिली है कि उनके द्वारा नगर पालिका में पदस्थ इंजीनियर देव कुमार गुप्ता के द्वारा पूरी नगर पालिका चलाई जा रही है।
तनख्वाह पूरा लेकिन काम अधूरा
नगर पालिका के सीएमओ ज्योति सिंह के द्वारा तनख्वाह तो पूरा लिया जा रहा है, लेकिन काम कुछ भी नहीं किया जा रहा है। बताया गया कि वह लगभग दो महीने से अस्वस्थ हैं जिससे उन्हें इलाज के लिए जिले से बाहर आना जाना पड़ता है। यह बात सच भी है तो फिर उन्होंने इसके लिए छुट्टी क्यों नहीं ली है। वहीं क्या उन्होंने इसके लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी है, या फिर जिस तरह नगर पालिका में चल रहा है, वैसे ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी अंधेरे में रखकर काम किया जा रहा है।
क्या वरिष्ठ अधिकारियों को है इसकी जानकारी
बताया गया कि सीएमओ के द्वारा मोबाइल के माध्यम से निर्देश दिए जाते हैं लेकिन कागज में हस्ताक्षर इंजीनियर कर रहे हैं। वही इंजीनियर ही कलेक्टर कार्यालय में होने वाली बैठक में भी शामिल होते हैं। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वरिष्ठ अधिकारियों को इन सभी बातों की जानकारी है। लेकिन अगर वरिष्ठ अधिकारियों को सीएमओ के जिले से बाहर होने की जानकारी है तब फिर उन्होंने सीएमओ को छुट्टी ले लेने के लिए निर्देशित क्यों नहीं किया गया?

भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के भी लग चुके हैं आरोप

नगर पालिका में पदस्थ सीएमओ ज्योति सिंह के ऊपर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। बीते दिनों नगर पालिका के पार्षदों ने सीएमओ के द्वारा किये गए भ्रस्टाचार और गड़बड़ियों की शिकायत कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक से कर चुके है। इसके लिए कलेक्टर ने बकायदे जांच टीम भी बनाई थी। लेकिन इनके द्वारा जांच को भी प्रभावित कर दिया गया।
बहरहाल जब मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव ठीक नजदीक हैं और आगामी अक्टूबर माह में आचार संहिता लगने वाली है। तब सीएमओ के द्वारा की जा रही लापरवाही और मनमानी को लेकर जिला प्रशासन् क्या कदम उठाता है, या फिर सीएमओ को मनमानी या लापरवाही करने की खुली छूट दी जाती है यह देखना बाकी है।

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