Umaria News: यहां घास-फूंस की झोपड़ी में सरकारी सिस्टम,आदिवासी जिले से हैरान कर देने वाली तश्वीर

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उमरिया (संवाद)। मध्यप्रदेश में सरकार के नुमाइंदों के द्वारा अपनी सरकार और विकास की अनगिनत बातों को कहते नहीं थकते हैं। लेकिन कहीं ना कहीं ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आ ही जाती है, जिससे सरकार के सभी दावो और वादों की पोल खोलकर रख देता है। ताजा मामला आदिवासी बहुल जिला उमरिया का है, जहां ग्रामीण इलाके के एक गांव में सरकारी स्कूल भवन नहीं है। यहां के नौनिहाल बच्चे घासफूस की झोपड़ी में पढ़ाई करते हैं।

Umaria News: यहां घास-फूंस की झोपड़ी में सरकारी सिस्टम,आदिवासी जिले से हैरान कर देने वाली तश्वीर

जी हां हम बात कर रहे हैं आदिवासी बहुल जिला उमरिया के अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाला गांव कसेरु का है। जहां आज तक सरकारी स्कूल भवन नहीं बन सका है। यहां के बच्चे एक घास फूस से बनी झोपड़ी में पढ़ाई करने जाते हैं। मतलब सरकारी स्कूल एक घास फूस से बनी और छत में पन्नी लगी झोपड़ी में स्कूल लगता है। जबकि सरकार के दावे और वादे की बात करें तो कसेरू गांव उन सभी दावों की पोल खोल कर रख देता है।

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ऐसा भी नहीं की इस मामले से यहां के जनप्रतिनिधि या अधिकारी अनजान हो सभी की जानकारी में यह मामला रहा है लेकिन किसी ने भी कसेरू गांव के नौनिहालों के लिए एक सरकारी स्कूल का भवन उपलब्ध करा सके। यह मामला मीडिया में आने के बाद यहां के कलेक्टर के कान खड़े हुए हैं। उन्होंने कसेरू गांव में स्कूल भवन को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं।

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मिली जानकारी के मुताबिक कसेरू गांव में एक प्राइवेट व्यक्ति के द्वारा एक लंबी चौड़ी झोपड़ी और छत में पानी लगाकर बनाया गया था जिसमें 9 साल से सरकारी स्कूल संचालित हो रहा है। लेकिन बीते दिन उसने अपनी प्रॉपर्टी झोपड़ी में स्कूल लगने से मना कर दिया। इसके बाद सभी बच्चे बाहर मैदान में स्कूल लगाकर पढ़ाई करने लगे। जबकि इस समय पर ठंड का प्रकोप चारों ओर है ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे खुले मैदान में बैठकर फिट होते हुए पढ़ाई कर रहे हैं।

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जिले के मानपुर विधानसभा में चार बार से बीजेपी का विधायक जीतते आया है। इस दौरान प्रदेश में भी सरकार बीजेपी की ही रही है। लेकिन कसेरू गांव के नौनिहाल स्कूल छात्रों की समस्या की सुध किसी ने नहीं ली। हालांकि जानकारी के मुताबिक कसेरू गांव बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है और इसकी एक वजह भी है कि टाइगर रिजर्व के एरिया में आने से यहां का विकास रुक गया होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या टाइगर रिजर्व एरिया के अंदर बसे गांव में देश के भविष्य का जाने वाले नौनिहाल छात्रों का भविष्य भी अंधकार में हो गया है।

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बहरहाल यह पूरा मामला मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद सरकारी सिस्टम के कान खड़े हो गए हैं जिले के कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने कहा है कि इस मामले को लेकर उन्होंने दिशा निर्देश दिए हैं बहुत जल्द कसेरू गांव में सरकारी स्कूल भवन की व्यवस्था की जाएगी। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक गांव में स्कूल क्यों नहीं बन सका या इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं उन पर कार्यवाही भी की जाएगी।

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