Umaria News: इस बार दीदी की सीट से कौन होगा दादा,परिसीमन के बाद से लगातार दीदी का रहा है कब्जा

Umaria (संवाद)। उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा की बात करें तो परिसीमन के बाद से यह सीट मानपुर के नाम से अस्तित्व में आई थी। वह समय सन 2008 की बात है जब परिसीमन के तहत विधानसभा का पहला चुनाव कराया गया था तब से लेकर आज तक यानी तीन बार से इस सीट पर दीदी का कब्जा रहा है। लेकिन इस बार बने नए समीकरण के तहत यह सीट दीदी के हाथ से फिसलते जा रही है।
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Umaria News: इस बार दीदी की सीट से कौन होगा दादा,परिसीमन के बाद से लगातार दीदी का रहा है कब्जाUmaria News: इस बार दीदी की सीट से कौन होगा दादा,परिसीमन के बाद से लगातार दीदी का रहा है कब्जाUmaria News: इस बार दीदी की सीट से कौन होगा दादा,परिसीमन के बाद से लगातार दीदी का रहा है कब्जाUmaria News: इस बार दीदी की सीट से कौन होगा दादा,परिसीमन के बाद से लगातार दीदी का रहा है कब्जाUmaria News: इस बार दीदी की सीट से कौन होगा दादा,परिसीमन के बाद से लगातार दीदी का रहा है कब्जाUmaria News: इस बार दीदी की सीट से कौन होगा दादा,परिसीमन के बाद से लगातार दीदी का रहा है कब्जानोट:- कल 3 दिसंबर को मतगणना का प्रत्येक राउंड की जानकारी सबसे पहले पंचायती संवाद के माध्यम से हम आप तक पहुंचाते रहेंगे।इसलिए 3 दिसंबर को आप सभी पंचायती संवाद से जुड़े रहे।
दरअसल परिसीमन यानी 2008 के चुनाव से लेकर 2018 तक तीन बार से दीदी इस क्षेत्र की विधायक चुनते आई है। इतना ही नहीं 2018 के बाद बनी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार में दीदी को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। इस क्षेत्र में जहां दीदी को भरपूर स्नेह और आशीर्वाद प्रदान किया है लेकिन दीदी ने बदले में इस क्षेत्र को हमेशा उपेक्षित रखा है। और यही मुख्य वजह रही है कि इस बार उनके खिलाफ भारी जनआक्रोश दिखाई दिया है।
2023 के विधानसभा चुनाव के नतीजे में कुछ ही घंटे शेष रह गए हैं 3 दिसंबर की सुबह 8:00 बजे से मतगणना प्रारंभ की जाएगी और दोपहर 12 बजते-बजते कैंडिडेट की हार और जीत का रुझान दिखाई देने लगेगा। हालांकि अंतिम फैसला होते-होते शाम 4 बजने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन इस बार के चुनाव में कुछ बदले समीकरणों को लेकर एक अलग ही रुझान दिखाई दे रहे हैं। जिसमें दीदी को इस बार भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
17 नवंबर को मतदान के बाद मानपुर विधानसभा से लगातार आ रहे रुझान में दीदी तीसरे नंबर में जाते दिखाई दे रही है। इसके पीछे की एक वजह जो साफ समझ में आ रही है वह यह कि इस क्षेत्र से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राधेश्याम कुकोड़िया की उम्मीदवारी प्रमुख मानी जा रही है। गोंगपा उम्मीदवार ने जिस तरह से बीते 6 महीने से दीदी को घेरा है और दीदी के द्वारा किये गए कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया है इससे उनका जनाधार बहुत तेजी से खिसककर नीचे आ गया है।
इसके अलावा दीदी के मंत्री रहने के दौरान क्षेत्र की अपेक्षा सहित वरिष्ठ और पुराने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और प्रताड़ना भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। इसके साथ उनके द्वारा की गई क्षेत्र की अपेक्षा भी एक मुद्दा रहा है। लेकिन सबसे अहम यह की पूरे क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता को दरकिनार भी कर पाना मुश्किल साबित हो रहा है। हालांकि लोगों से मिले रुझान के अनुसार इतने के बाद भी वह किसी से कमतर नहीं मानी जा रही हैं।
लेकिन कुछ समीकरणों के चलते जो रुझान मिल रहे हैं उसमें पहले यह कि दीदी तीसरे नंबर पर जाती दिखाई दे रही है।लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तब उनके प्रति भी एक समीकरण बनता दिखाई दे रहा है जिसमें वह पुनः चौथी बार पहले पायदान पर पहुंच कर चुनाव में बाजी मार सकती है। या सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि इस बार के चुनाव में दीदी ही दादा बन सकती है.? लेकिन इसकी संभावना काफी कम बताई जा रही है।
बहरहाल दीदी के इस गढ़ से इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में दादा कौन बनता है.? यह तो मतगणना के उपरांत थी स्पष्ट हो सकेगा। लेकिन इसके ठीक पहले मानपुर क्षेत्र से आ रहे रुझानों के आधार पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार तिलकराज सिंह और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार राधेश्याम कुकोड़िया के बीच मुकाबला होने की प्रबल संभावना है, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार का पक्ष प्रबल साबित होता दिखाई दे रहा है। जबकि दीदी का गढ़ कहे जाने वाले मानपुर विधानसभा सीट उनके हाथों से खिसकता दिखाई दे रहा है.?
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