उमरिया (संवाद)। जिला मुख्यालय उमरिया स्थित नगर पालिका परिषद उमरिया में सीएमओ ज्योति सिंह के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और निविदा शर्तो पर की गई अनियमितता को लेकर शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंची है। इसके पहले नगरपालिका के पार्षदों के द्वारा उमरिया कलेक्टर को बिंदुवार भ्रष्टाचार सहित अन्य गड़बड़ियों संबंधी शिकायत दी गई थी, लेकिन शिकायत पर जिला प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार की जांच और ना ही कार्यवाही किए जाने के कारण यह शिकायत अब प्रदेश के मुखिया के पास पहुंची है।
बीते दिनों नगर पालिका परिषद के पार्षदों के द्वारा उमरिया कलेक्टर को नगर पालिका परिषद की सीएमओ के द्वारा भ्रष्टाचार और अनियमितता को लेकर बिंदुवार शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें सामग्री खरीदी को लेकर निविदा शर्तों का पालन नहीं करने और बाजार मूल्य से ज्यादा की कीमत पर खरीदी किए जाने सहित अन्य कई मामलों के संबंध में लिखित शिकायत दी गई थी जिसमें कलेक्टर के द्वारा अभी तक इस मामले में ना तो कोई जांच कराई गई है और ना ही किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई है जिससे परेशान होकर पार्षदों ने यह शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है।
पार्षदों की शिकायत के आधार पर जब मामले का पता लगाया गया तब जय हो जानकारी निकल कर सामने आई है वह बेहद चौंकाने वाली है नगरपालिका के पुराने फिल्टर प्लांट परिसर में पड़े ट्री गार्ड जंग खा रहे हैं। हालांकि जो ट्रीग्रि ट्री गार्ड वहां पड़े हैं वह समझ से परे है या फिलहाल इसकी उपयोगिता कहीं नजर नहीं आती है इसके अलावा ट्री गार्ड को देखकर सहज ही उसे कीमत का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन इनके द्वारा भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से ट्री गार्ड का 2 गुना, 3 गुना कीमत में क्रय किया गया है।
इसके अलावा नदी में बने पुल में जाली शटर लगाया जाना था, वह भी फिल्टर प्लांट परिसर में पड़ा हुआ मिला है। इसके संबंध में भी बताया गया कि फिलहाल इसकी उपयोगिता भी नहीं है और इसे भी बाजारु मूल्य से ज्यादा की कीमत में खरीदा गया है। इन् सब मामलों में एक बड़ी बात यह भी कि इनके द्वारा किसी भी खरीदी में निविदा शर्तो का पालन नहीं किया गया है। नियमो को ताक में रखकर मनमानी तरीके से इनके द्वारा सामग्री क्रय की गई है।
इतना ही नहीं इनके द्वारा परिषद की राशि से अपने भोग विलास की वस्तु जैसे R.O. और एयर कंडीशन की खरीदी की गई है। निश्चित रूप से सीएमओ नगरपलिका के द्वारा बरती गई अनियमितता और भ्रष्टाचार घोर निंदनीय है। वहीं पार्षदों की शिकायत पर जिले के कलेक्टर आखिर क्यों ना तो जांच करा रहे हैं और ना ही किसी प्रकार की कार्यवाही कर रहे हैं।