Umaria: जादू-टोना के शक में वृद्ध के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला,इलाज के दौरान वृद्ध की मौत,पुलिस ने किया था गंभीर मामले को नजर अंदाज

उमरिया (संवाद)। जिले के चंदिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अखड़ार में जादू टोना के शक में बीते दिनों एक वृद्ध के ऊपर हुए प्राण घातक हमले में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके अलावा उसके परिवार के अन्य सदस्य घायल बताए जा रहे हैं। लेकिन इस पूरे मामले में पुलिस की शुरुआत से लापरवाही दिखाई देती रही है। हालांकि वृद्ध की मौत के बाद पुलिस के कान खड़े हुए हैं, और मामले में हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला पंजीबद्ध कर सभी 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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Umaria: जादू-टोना के शक में वृद्ध के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला,इलाज के दौरान वृद्ध की मौत,पुलिस ने किया था गंभीर मामले को नजर अंदाजUmaria: जादू-टोना के शक में वृद्ध के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला,इलाज के दौरान वृद्ध की मौत,पुलिस ने किया था गंभीर मामले को नजर अंदाजUmaria: जादू-टोना के शक में वृद्ध के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला,इलाज के दौरान वृद्ध की मौत,पुलिस ने किया था गंभीर मामले को नजर अंदाजUmaria: जादू-टोना के शक में वृद्ध के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला,इलाज के दौरान वृद्ध की मौत,पुलिस ने किया था गंभीर मामले को नजर अंदाजUmaria: जादू-टोना के शक में वृद्ध के ऊपर हुआ प्राणघातक हमला,इलाज के दौरान वृद्ध की मौत,पुलिस ने किया था गंभीर मामले को नजर अंदाज
उमरिया जिले के अखड़ार गांव में कुछ लोगो ने अंधविश्वास के चक्कर में आकर वह घटना कर बैठे जोकि एक जघन्य अपराध है। पूरा वाक्या 28 जनवरी को अखडार गांव के बड़का टोला में कोल परिवार के बीच जादू टोना के शक में कुल्हाड़ी,फरसा जैसे घातक हथियारों से दिनदहाड़े हमले का है। जिसमे मथुरा कोल नामक वृद्ध सहित पत्नी हिरोदिया बाई और बहू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जबकि आज शुक्रवार को घटना में गंभीर घायल वृद्ध 65 वर्षीय मथुरा कोल ने दम तोड दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक पूरे विवाद की जड़ आरोपियों के परिवार में एक महिला के बीमारी से जुड़ा हुआ है जिसे परिजन बीमारी मानने की बजाय जादू टोना का असर मान रहे थे और जादू टोना का संदेह मृतक वृद्ध की पत्नी पर कर रहे थे। इसी बात को लेकर 28 जनवरी आरोपी पक्ष के लोंगो ने बदले की नीयत से हमला बोल दिया। जिसमें आरोपी पक्ष ने डंडा कुल्हाड़ी और फरसे से हमला कर मृतक मथुरा, उसकी पत्नी और उसकी बहु को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया।
28 जनवरी को हुई घटना के बाद चंदिया थाना में एफआईआर हुई और पीड़ित इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन आराम नही मिलने और रुपए पैसों के अभाव के चलते मृतक बाहर के बड़े अस्पताल में इलाज कराने की बजाय वापस अपने घर लौट गया और उसकी मौत हो गई। लेकिन मृतक के परिजनों और ग्रामीणों की माने तो इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका समझ से परे रही है।
वजह यह कि पुलिस के द्वारा मृतक मथुरा और उसके परिवार के ऊपर हुए प्राण घातक हमले के समय पुलिस ने उचित धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध नहीं किया, और ना ही गंभीर घायलों के उपचार में दिलचस्पी दिखाई है। इतना ही नहीं पुलिस ने घटना के समय हमलावरो के खिलाफ भी धरपकड़ करने की लिए कोई प्रयास नहीं किये। लेकिन घटना के 5 दिन बाद गंभीर रूप से घायल वृद्ध मथुरा की जब मौत हो गई तब पुलिस एक्शन में आई और हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया है।
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