Umaria:कलेक्टर का ट्रांसफर होते ही कार्यालय में दलाल सक्रिय,बाबुओं के साथ मिलकर धारणाधिकार में रुपये वसूले जाने की खबर

उमरिया (संवाद)। उमरिया जिले में बीते शनिवार को हुए कलेक्टर के ट्रांसफर के बाद कलेक्ट में दलाल सक्रिय हो गए हैं वह लोग कलेक्ट्रेट के कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू से सांठ गांठ करके धारणाधिकार के पट्टे दिलाने के नाम आवेदक से मोटी रकम वसूली जा रही है। कलेक्टर चेंबर से लेकर बाहर तक इनका जमावड़ा साफ-साफ देखा जा सकता है।
दरअसल शासन की योजना के अनुसार धारणाधिकार के तहत पात्र और बगैर विवादित भूमि का पत्ता दिए जाने की स्कीम है लेकिन इसमें बगैर दोष गुण देखे बाबुओं से साथ सांठ गांठ करके आवेदकों से रुपए पैसों की मांग किए जाने की खबर मिली है। खासकर कलेक्टर ऑफिस में पदस्थ बाबू दर्शिमा का नाम बहुत चर्चित रहा है।
जिले के कलेक्टर बुद्धेश्वर वैद्य का स्थानांतरण 9 मार्च को हुआ है फिलहाल अभी जिन्हें उमरिया का नया कलेक्टर बनाया गया है उन्होंने अभी ज्वाइन नहीं किया है, तब तक शायद स्थानांतरित हुए कलेक्टर ही मौजूद रहेंगे, जबकि अमूमन कलेक्टर के स्थानांतरण हो जाने के बाद वह ना तो चेंबर में बैठते हैं और ना ही कोई शासकीय कार्य करते हैं। हालांकि इस संबंध की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है लेकिन पहले भी ऐसा ही होता आया है।
लेकिन इस बार जैसे ही कलेक्टर बुद्धेश कुमार वेद का स्थानांतरण की लिस्ट जारी हुई है उसके दूसरे दिन यानी छुट्टी का दिन रविवार को पूरे टाइम कार्यालय कलेक्ट्रेट में कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य अपने चेंबर में मौजूद रहे वही चेंबर के अंदर से लेकर बाहर तक दलालों का जमावड़ा साफ तौर पर देखे जाने की जानकारी सूत्रों से मिली है।
रविवार छुट्टी के दिन जिस कदर धरना अधिकार को लेकर दलाल और आवेदक कलेक्टर से लेकर वहां पदस्थ बाबुओं के चक्कर लगाते और उनको घेरे हुई दिखाई दिए इससे एक बात का शायद अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाबुओं को कहीं ना कहीं कलेक्टर साहब की तरफ से कोई ना कोई निर्देश मिले रहे होंगे जिससे वह छुट्टी के दिन पूरे समय कामों में जूझते नजर आए हैं।
हालांकि एक बात तो साफ है की कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य की छवि जिले में एक साफ सुथरी और ईमानदार अधिकारी के रूप में रही है। लेकिन जो माहौल उनके स्थानांतरण के बाद छुट्टी के दिन रविवार को कार्यालय कलेक्ट्रेट में रहा है और बाबुओं के द्वारा फटाफट फाइल तैयार की जा रही थी, इससे कहीं ना कहीं कलेक्टर की साख पर भी बट्टा तो नहीं लग जाएगा.?
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