अगर आप खुद या फिर आपके घर में कोई प्राइवेट नौकरी या फिर सरकारी विभाग में है, तो पीएफ खाता जरुर होगा। जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन मैनेज किया जाता है। देश के विभिन्न सेक्टर में काम कर रहे हैं, लाखों कामगारों के लिए उनकी सामाजिक सुरक्षा के देखते हुए पीएफ काफी अहम होता है।
EPF खाते में फॉर्म 10सी और फॉर्म 10डी का ये होता है जरुरी काम
ईपीएफ के पैसे के निकाशी को लेकर ऐसे कई नियम होते हैं, जो आप को जानना बेजद जरुरी होते है, जिससे ईपीएफओ के पैसे विड्रॉल के लिए 10सी और 10डी फॉर्म की जरूरत पड़ती है। आइए जानते हैं इन फॉर्म को कैसे काम में लाया जा सकता है।
सरकारी या फिर प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों की नियोक्ता कंपनी या संस्थान वेतन का कुछ हिस्सा ईपीएफओ में अंशदान करती हैं। जिसमें कर्मचारी अपने सैलरी के 12% और कंपनी इतने ही प्रतिशत जमा करती है। जिसमें कुछ हिस्सा ईपीएफ खाते और दूसरा ईपीएस में जाता है। भविष्य में जरूरत पड़ने पर पैसों को विड्रोल कर सकते हैं। यहां पर जमा पैसे पर सरकार के द्वारा उचित ब्याज दर मिलती है।
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पेंशन स्कीम सर्टिफिकेट में जरुरी है फॉर्म 10सी
ऐसे कई लोग होते हैं, जो इस खाता का संचालन या फिर किसी सदस्य की नौकरी की अवधि दस साल तक नहीं है, तो ईपीएफओ के नियम के मुताबित यहां पर इस तरह के खाते का फानल सेटलमेंट करना चाहते है तो उसे फॉर्म 10सी भरना होगा। इस फॉर्म का इस्तेमाल पेंशन स्कीम सर्टिफिकेट में प्रयोग किया जाता है।
पेंशन के भरें यह फॉर्म
यदि किसी कर्मचारी ने 10 साल से अधिक समय तक ईपीएफ पेंशन खाते में अंशदान दिया है, जिससे पीएफ के नियम के अनुसार यहां पर खाताधारक तो रिटायरमेंट के बाद EPFO से पेंशन प्राप्त कर सकता है, जिससे पेंशन पाने के लिए फॉर्म 10डी भरना होगा।
EPF खाते में फॉर्म 10सी और फॉर्म 10डी का ये होता है जरुरी काम
जान लें फॉर्म 31 और 19 का मतलब
दरअसल कई लोगों को नौकरी के दौरान पैसों की जरूरत पड़ती है, जिससे पीएफ में जमा पैसे को कभी भी निकाल सकते हैं, जिसके लिए आप को फॉर्म 31 को भरना होगा। अगर कोई खाता धारक चाहता हैं कि जमा पूरे फंड की निकासी के लिए ईपीएफ क्लेम फॉर्म 19 भरना होगा।