किसानों को बनाएंगी मालामाल गेहूं की ये उन्नत 4 किस्में , जानिए कीमत ?

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हेलो दोस्तों आपका आज के इस आर्टिकल में स्वागत है , 023-24 में गेहूं की उच्च पैदावार वाली ये किस्में किसानों को कर सकती हैं मालामाल। ये गेहूं की किस्में किसानों को 100 से 150 क्विंटल तक अधिक उपज की गारंटी देती हैं। आज हम आपको गेहूं की ऐसी ही 4 किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से उत्पादन दे सकती हैं इन गेहूं की किस्मों को हाल ही में तैयार किया गया है। इनमें बीमारी और कीड़ों का बहुत कम खतरा होता है। साथ ही, ये किस्में जल्दी पक जाती हैं। इनके साथ भारत के उन सभी राज्यों में गेहूं का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है जहां गेहूं की फसल उगाई जाती है। आइए जानते हैं इन गेहूं की किस्मों के बारे में विस्तार से।

किसानों को बनाएंगी मालामाल गेहूं की ये उन्नत 4 किस्में , जानिए कीमत ?

श्रीराम 11 गेहूं की किस्म

विश्व प्रसिद्ध गेहूं वैज्ञानिकों की देन, श्रीराम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स ने इस किस्म को तैयार किया है। श्री राम 11 देरी से बोने के लिए उपयुक्त है और लगभग 3 महीने में पककर तैयार हो जाता है। इस किस्म के दाने चमकदार होते हैं। मध्य प्रदेश के किसानों के अनुसार, श्रीराम सुपर 111 की पैदावार 22 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है।

किसानों को बनाएंगी मालामाल गेहूं की ये उन्नत 4 किस्में , जानिए कीमत ?

HD 4728 गेहूं की किस्म

HD 4728 नामक यह गेहूं की किस्म 125 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म से कुल मिलाकर 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन लिया जा सकता है। भारत के सभी राज्यों में भूमि की उर्वरता के आधार पर HD 4728 गेहूं की खेती की जा सकती है। इस किस्म को भी 3 से 4 सिंचाई की जरूरत होती है।

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GW 322 गेहूं की किस्म

यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य के दिल में गेहूं की एक प्रमुख किस्म है, जो लगभग 4 महीनों में पककर तैयार हो जाती है। GW 322 गेहूं की इस किस्म को भारत के अन्य राज्यों में भी उगाया जा सकता है। इस किस्म को 3 से 4 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है।

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पुसा तेजस गेहूं की किस्म

यह किस्म साल 2019 से खेतों में अपनी जगह बना रही है। जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय के एक प्रयोग में इस किस्म ने एक हेक्टेयर में 70 क्विंटल गेहूं का उत्पादन दिया। पुसा तेजस गेहूं की यह किस्म 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसे कम सिंचाई की जरूरत होती है।

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