जबलपुर (संवाद)। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में बनने वाले सिंगरौली ललितपुर रेलवे परियोजना के तहत मुआवजे मैं किए गए फर्जीवाड़े की चर्चा पूरे प्रदेश में है। वहीं इसी मामले में एक याचिका हाई कोर्ट जबलपुर में लगाई गई थी जिसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट जस्टिस ने सिंगरौली कलेक्टर को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि जिसकी जमीन है मुआवजा उसे ही मिले, नहीं तो सभी जिम्मेदारों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए जाएंगे।
हाईकोर्ट ने कलेक्टर को लगाई जमकर फटकार,कहा- असली भूमि स्वामी को मिले मुआवजा,नहीं तो दर्ज होगी FIR
दरअसल सिंगरौली में बनने वाली एक रेल परियोजना में अधिग्रहण की गई भूमि के मुआवजा वितरण में भारी भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। खासकर इस मामले में असली भूमि स्वामी कोई और है और करोड़ों का मुआवजा किसी और को दिया गया है। इसी बात को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी जिसमें कोर्ट ने यह पाया कि भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। कोर्ट में कलेक्टर को आदेश देते हुए कहा है कि जमीन किसी और की है और मुआवजा दूसरे को दिया गया है। इस फर्जी वाले को तत्काल सुधार कर असली भूमि स्वामी को ब्याज सहित मुआवजा दिया जाए। हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कलेक्टर सिंगरौली को सख्त लहजे में यह निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने कलेक्टर को लगाई जमकर फटकार,कहा- असली भूमि स्वामी को मिले मुआवजा,नहीं तो दर्ज होगी FIR

मिली जानकारी के मुताबिक सिंगरौली जिले के अंतर्गत देवसर इलाके में सिंगरौली से ललितपुर रेल परियोजना का निर्माण किया जाना है। इसके लिए भारी मात्रा में जमीनों का अधिग्रहण किया गया है। भूमि अधिग्रहण के पश्चात भूमि स्वामी को मिलने वाले मुहावरे में भारी अनियमितता बरती गई है। चित्रा सेन के द्वारा मुआवजा वितरण में भारी धांधली बरतते हुए मुआवजा वितरण किया गया है जबकि आज भी असली भूमि स्वामी मुआवजे के लिए भटक रहा है। इस मामले की एक याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी। चित्र सेन की भूमि भी अधिग्रहण की गई थी लेकिन एक फर्जी शपथ पत्र के आधार पर मुआवजा चित्र सेन को न देकर दूसरे व्यक्ति को दिया गया है। मामले में हाई कोर्ट ने कलेक्टर को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट ने कलेक्टर को लगाई जमकर फटकार,कहा- असली भूमि स्वामी को मिले मुआवजा,नहीं तो दर्ज होगी FIR
बीते 28 जनवरी को मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सिंगरौली कलेक्टर और भू अर्जन अधिकारी के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। मामले में कोर्ट ने पाया कि मुआवजा वितरण भर में धांधली नहीं हुई है बल्कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा के पात्र व्यक्ति का नाम भी सूची से गायब किया गया है। केवल शपथ पत्र के आधार पर मुआवजा राशि असली भूमि स्वामी को नदी कर दूसरों को दिया गया है। कोर्ट ने यह भी माना है कि भूमि की असली मालिक चित्रा सेन है और मुआवजे की राशि भी उसे ही मिलनी चाहिए लेकिन सिर्फ एक हलफनामे के बदले मुआवजा राशि चित्र सेन को न देकर दुर्गा शंकर द्विवेदी को जारी कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने कलेक्टर को लगाई जमकर फटकार,कहा- असली भूमि स्वामी को मिले मुआवजा,नहीं तो दर्ज होगी FIR

मामले में कोर्ट ने पाया कि यह एक प्रशासनिक या त्रुटि बस गलती नहीं है बल्कि एक सूची समझिए रणनीति के तहत भ्रष्टाचार करने के लिए साजिश रची गई है। जिसकी जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने सिंगरौली जिले के कलेक्टर को सख्त लहजे में फटकारते हुए कहा कि मुआवजा वितरण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी मुआवजे के जो भी असली हकदार हैं उन्हें ब्याज सहित मुआवजा लौटने की प्रक्रिया प्रारंभ करें अन्यथा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
हाईकोर्ट ने कलेक्टर को लगाई जमकर फटकार,कहा- असली भूमि स्वामी को मिले मुआवजा,नहीं तो दर्ज होगी FIR
