उमरिया (संवाद)। ट्राइबल आर्ट को देश-विदेश में ख्याति दिलाने वाली और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित आदिवासी चित्रकार 86 वर्षीय जोधईया बाई का दुखद निधन हो गया है। यह काफी समय से बीमार चल रही थी जिनका इलाज उमरिया से लेकर जबलपुर में किया जा रहा था, लेकिन आज रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली है। उनके निधन की खबर से कला प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है।
ट्राइबल आर्ट के लिए मशहूर पद्म श्री जोधईया बाई का दुखद निधन, जिले के लिए अपूरणीय क्षति
गौरतलब है कि उमरिया जिले के लोढ़ा ग्राम की रहने वाली जोधईया बाई बैगा अनपढ़ होने के बावजूद अपनी कड़ी मेहता मेहनत और लगन से वह मुकाम हासिल किया है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने अपनी लगन से हाथों में पेंटिंग ब्रश थामकर आदिवासी चित्रकारी को देश दुनिया में पहुंचाया है। उनकी चित्रकारी को लेकर देश दुनिया में तारीफे भी होती रही है। जोधईया बाई ड्राइवर 8 से जुड़ी पेंटिंग बनती रही है।
ट्राइबल आर्ट के लिए मशहूर पद्म श्री जोधईया बाई का दुखद निधन, जिले के लिए अपूरणीय क्षति
जोधईया बाई के द्वारा बनाई हुई चित्रकारु की प्रदर्शनी भारत देश सहित विदेश में भी लग चुकी है। जिसके लिए बीते 2 साल पहले जोधईया बाई को भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। इसके अलावा जो जोधईया बाई को भारत देश का राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान भी प्रधानमंत्री के द्वारा दिया जा चुका है।
ट्राइबल आर्ट के लिए मशहूर पद्म श्री जोधईया बाई का दुखद निधन, जिले के लिए अपूरणीय क्षति
रविवार को उनके दुखद निधन से जहां कला प्रेमियों में शोक की लहर है। वही उनके द्वारा कठिन परिश्रम करके जिले को जो सम्मान दिलाया गया है पूरा उमरिया जिला उसे हमेशा याद करता रहेगा। जोधईया बाई का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके गृह ग्राम लोढ़ा में पूरे सम्मान के साथ किया जाएगा।