झाबुआ (संवाद)। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा फर्जीवाड़ा कर शासन की राशि को क्षति पहुंचाने के मामले में न्यायालय ने इससे जुड़े सात लोगों को सजा सुनाई है जिसमें झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ सहित 7 लोगों को सजा सुनाई गई है झाबुआ की विशेष अदालत आज शनिवार की शाम सात अफसर को 27 लाख 70 हजार 725 रुपए की छती पहुंचाने के आरोप में सजा सुनाते हुए सभी को जेल भेज दिया है।उन पर आरोप था कि उन्होंने शासन के नियमों के विरुद्ध जाकर प्रिटंग का काम एक निजी फर्म को दिया जिसे लाखों रुपये का अवैध भुगतान किया गया।
दरअसल झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा और उनके मातहत अधिकारी जिला पंचायत के सीईओ जगमोहन धुर्वे समेत 7 लोगों ने फर्जीवाड़ा करते हुए छपाई का कार्य भोपाल की एक प्राइवेट प्रिंटिंग प्रेस को दिया गया था जबकि शासन के नियमानुसार ₹500000 से ज्यादा की छपाई का कार्य प्राइवेट प्रिंटिंग प्रेस से नहीं कराए जाने के निर्देश हैं लेकिन उनके द्वारा लाखों रुपए की भारी भरकम राशि को खुर्द बुर्द करने सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र किया गया। जिसमें 27 लाख से ज्यादा की राशि का प्रिंटिंग का कार्य प्राइवेट राहुल प्रिंटर से करवाया गया था।
फर्जीवाड़ा कर शासन को क्षति पहुंचाने के मामले में,कोर्ट ने पूर्व कलेक्टर सहित 7 अफसरों को सुनाई सजा,सभी को भेजा गया जेल
लोकायुक्त ने जांच की और फिर जांच में पुष्टि होने पर लोकायुक्त पुलिस ने झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा, तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ जगमोहन सिंह धुर्वे सहित मनरेगा (तकनीकी) के परियोजना अधिकारी (तकनीकी) एनएस तंवर, स्वच्छता मिशन के जिला समन्वयक अमित दुबे, लेखाधिकारी सदाशिव डावर आशीष कदम, शासकीय मुद्रणालय भोपाल के उप नियंत्रक देवदत्त एके खंडूरी और मेसर्स राहुल प्रिंटर्स भोपाल के मालिक मुकेश शर्मा को आरोपी बनाया। इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) डी, 13 (2) आईपीसी की धारा 420, 120 बी के तहत केस दर्ज किया था। जिन्हें आज कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 4- 4 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए करीब 13 साल बाद इस मामले में आज देर शाम फैसला आया और 6 अफसरों को 4 -4 साल को निजी प्रिंटर्स राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को 7 साल की सजा सुनाई गयी। मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक ने बताया कि आरोपियों को 5 – 5 हजार के अर्थदंड भी लगाया गया है।