
MP News: कांग्रेस नेता का मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को धमकाने के क्या है मायने? शनिवार तक इस्तीफा देने का दिया अल्टीमेटम

भोपाल (संवाद)। इन दिनों मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के द्वारा मध्य प्रदेश के प्रशासनिक महकमें के सबसे प्रमुख चीफ सेक्रेटरी को धमकाना और उन्हें इस्तीफा देने का अल्टीमेटम देने का मामला बड़े तेजी से तूल पकड़ा हुआ है। जिसमें मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख और बड़े नेता विवेक तन्खा के द्वारा मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को धमकाने और उन्हें शनिवार तक मुख्य सचिव के पद से इस्तीफा देने का चेतावनी भरा अल्टीमेटम दिया गया है। अब कांग्रेस नेता के इस अल्टीमेटम के क्या मायने हैं यह तो वही जाने लेकिन पूरे प्रदेश के शासकीय महकमें हड़कंप मचा हुआ है।

दरअसल मध्य प्रदेश के शासकीय महकमें के सबसे प्रमुख अधिकारी मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का अंदरूनी तालमेल और सपोर्ट भाजपा सरकार के साथ रहने की बात कही जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा सरकार मुख्य सचिव इकबाल सिंह को अपने लिए उचित और चुनाव या सरकार रहने के दौरान उनका का सपोर्ट उनके साथ रहा है। शायद यही कारण है कि भाजपा सरकार ने मुख्य सचिव को एक्सटेंशन में रखा हुआ है।
वहीं यह भी सुना और देखा गया है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर उनके हर अच्छे और बुरे कामों में शामिल रहने और सपोर्ट करने की बात सामने आती रही है। हालांकि सरकारें कोई भी हो या किसी भी पार्टी की हो कार्यपालिका का दायित्व रहता है कि वह सरकार के नीति, नियम और योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन करती रहे, और इसी कारण प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने भाजपा सरकार की नीति,नियम और उनकी योजनाओं को सरकार की मंशा के अनुरूप अपने पूरे दायित्वों के साथ निभाया है।
इस पूरे मामले में सबसे प्रमुख पहलू जो समझ आता है वह यह कि मध्य प्रदेश की राजधानी में बैठे बड़े ब्यूरोक्रेट्स में गुटबाजी हावी हो गई है। राजधानी के वरिष्ठ अधिकारियों में भी अब भाजपा और कांग्रेस चल रहा है। चूंकि प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और उनसे जुड़े तमाम वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को बाकी के अधिकारी भाजपा सपोर्टेड समझ रहे हैं। इसीलिए भाजपा सरकार के दौरान लूप लाइन में पड़े बाकी के आईएएस अधिकारी अंदरुनी रूप से कांग्रेस पार्टी के समर्थन में आ गए हैं। इतना ही नहीं वह लूप लाइन के अधिकारी भाजपा शासन काल में मुख्य सचिव और उनकी टीम के द्वारा किए गए काले पीले कारनामों की जानकारी भी कांग्रेस के नेताओं के पास तक पहुंचा दी गई है।
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तंखा के द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस को धमकाना और उन्हें इस्तीफा देने का अल्टीमेटम देने के पीछे की कहानी कहीं ना कहीं प्रदेश में बैठे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों में गुटबाजी का नतीजा है? हालांकि सत्ताधारी दल के द्वारा अधिकारियों को चेतावनी या अल्टीमेटम देना कोई नई बात नहीं है। इसके पहले भी जो भी सरकार प्रदेश या देश में सत्तासीन रही है, उनके द्वारा अक्सर कभी-कभार यह सुनने में आते रहता है। लेकिन इस बार की तरह एक मुख्य सचिव को धमकाना और इस्तीफा देने का अल्टीमेटम देना पहली बार देखा गया है।
बहरहाल 2 दिन बाद शनिवार का दिन आने वाला है और कांग्रेस नेता के बयान के अनुसार शनिवार तक मुख्य सचिव को अपने पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी गई है। देखना होगा कि आने वाले शनिवार तक मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस इस्तीफा देते हैं या नहीं और क्या मुख्य सचिव के द्वारा इस्तीफा नहीं देने पर कांग्रेस नेता विवेक तंखा के द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा?
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