MP (संवाद)। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव नवम्बर-दिसंबर माह में सम्पन्न कराए जाने है ऐसे में शहडोल कमिश्नर का VRS लेना पूरे प्रदेश में सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशासनिक क्षमता को प्रदेश के हित में लगाने के बयान से गरमाई राजनीति,बेरोजगारी के साथ बेटी सुरक्षा पर काम करने से कांग्रेस के साथ जाने के कयास,भिंड से कांग्रेस पार्टी की टिकिट पर चुनाव लड सकते है कमिश्नर राजीव शर्मा?
कमिश्नर राजीव शर्मा का VRS लेना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय,यहां जानिए इसकी बड़ी वजह
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मध्यप्रदेश में चुनावी सियासत के बीच शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा का VRS बम राजनैतिक हलकों में खासा चर्चित है,वजह साफ है एक चुस्त दुरुस्त व सक्रिय प्रशासनिक अफसर का चुनाव के ऐन वक्त VRS लेना कही न कही सरकारी सफर को सत्ता की तरफ ले जाने के नजरिए से देखा जा रहा है,राजीव शर्मा खुद VRS आराम के नजरिए से नही बल्कि अपनी प्रशासनिक क्षमता को प्रदेश हित में लगाने का बयान देकर जाहिर कर दिया है कि वो बैठने वाले नही है।
कमिश्नर राजीव शर्मा का VRS लेना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय,यहां जानिए इसकी बड़ी वजह
शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा 2003 के IAS अफसर है और अब तक कई जिलों के सीईओ सहित शाजापुर कलेक्टर रहने के साथ ही 2020 से शहडोल संभाग के कमिश्नर रहते हुए फुटबाल क्रांति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा प्रशंसा के पात्र बन चुके है,प्रदेश को अब्बल दर्जे पर ले जाने,बेटियो की सुरक्षा के साथ ही प्रदेश की बेरोजगारी को दूर करने की उनकी सोच को राजनैतिक पंडित राजनैतिक चश्मे से देखते हुए उन्हें कांग्रेस के साथ सियासत शुरू करने के नजर से देख रहे है।
कमिश्नर राजीव शर्मा का VRS लेना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय,यहां जानिए इसकी बड़ी वजह
(वीडियो में देखिए क्या कहा राजीव शर्मा ने)
आईएएस राजीव शर्मा मूलरूप से भिंड जिले के एक प्रतिष्ठित परिवार से आते है यही वजह है कि लोग उनके भिंड जिले से कांग्रेस की टिकिट पर चुनाव लडने के कयास लगा रहे है यह अलग बात है कि खुद राजीव शर्मा कांग्रेस भाजपा दोनो ही दलों के नेताओ से अपने अच्छे संबंध होने की बात करके अपनी असल मंशा स्पष्ट नही की है ।