Umaria (संवाद)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के द्वारा राजस्व प्रकरणों को अभियान के तौर पर लेते हुए इससे जुड़े संबंधित कार्यों को लेकर समय सीमा में करने और इसकी प्रगति पर जोर देने के निर्देश दिए हैं। लेकिन उमरिया जिले में राजस्व प्रकरणों से जुड़े कार्यों में फिसड्डी साबित हुआ है जिसके चलते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उमरिया कलेक्टर के कार्यों पर नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव वीरा राणा जिलों में पदस्थ कलेक्टर की रैंकिंग तैयार करने के निर्देश दिए हैं जिससे कार्य नहीं करने वाले कलेक्टरों को तत्काल हटाया जा सके।
MP: सीएम डॉ मोहन यादव ने उमरिया कलेक्टर की ली क्लास-जताई नाराजगी,यहां जानिए पूरा मामला
दरअसल मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा 18 जुलाई से प्रारंभ हो रहे राजस्व महा अभियान के दूसरे चरण को लेकर सोमवार को समीक्षा की है। मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के कलेक्टर से उनके द्वारा किए गए जिलों में कार्यों को लेकर समीक्षा की है। इस दौरान जब उमरिया जिले का नंबर आया तब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उमरिया के कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन से कहा कि आपके जिले में कोई भी काम नहीं हो रहा है ऐसे बिल्कुल नहीं चलेगा। जिसके जवाब में कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि उनकी जिले में पोस्टिंग 3 महीने पहले हुई है। बता दे की सरकार के द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महा अभियान के तहत प्रकरणों के निराकरण में उमरिया जिला सबसे फिसड्डी साबित हुआ है जिसे लेकर सीएम ने खासी नाराजगी जताई है।
MP: सीएम डॉ मोहन यादव ने उमरिया कलेक्टर की ली क्लास-जताई नाराजगी,यहां जानिए पूरा मामला
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इसके अलावा मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भोपाल सिंगरौली और मुरैना जिले के कलेक्टर की भी जमकर क्लास ली है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को जिले में पदस्थ कलेक्टरों की रैंकिंग तैयार करने के निर्देश दिए हैं और कहां है की रैंकिंग के आधार पर जो भी कलेक्टर काम नहीं कर पा रहे हैं उन्हें तत्काल हटाने के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
MP: सीएम डॉ मोहन यादव ने उमरिया कलेक्टर की ली क्लास-जताई नाराजगी,यहां जानिए पूरा मामला
बता दें कि उमरिया जिले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की प्राथमिकता वाले कार्यों में जिला प्रशासन के द्वारा सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है। राजस्व महा अभियान की बात करें तो उमरिया जिले में राजस्व से संबंधित तमाम प्रकरणों की गति काफी धीमी है। राज्य सरकार के द्वारा की गई नंबरिंग में उमरिया जिला सबसे फिसड्डी रहा है। जबकि जिले में पदस्थ कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के द्वारा लगातार तहसील में पदस्थ तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आरआई और पटवारी को सख्त निर्देश दिए गए थे कि हर हाल में राजस्व से जुड़े प्रकरणों के निराकरण प्रमुखता से किया जाए। लेकिन उनके निर्देशों को संबंधित अधिकारी दरकिनार करते रहे हैं।
MP: सीएम डॉ मोहन यादव ने उमरिया कलेक्टर की ली क्लास-जताई नाराजगी,यहां जानिए पूरा मामला
इसके अलावा उमरिया जिले में मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले काम जैसे अवैध कॉलोनी और कॉलोनाइजरों के खिलाफ कोई कार्यवही नहीं की गई। यहां तक की मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ काफी हद तक कार्यवाही की गई है। लेकिन उमरिया जिले में इससे संबंधित कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि उमरिया जिले में नियम विरुद्ध तरीके से कॉलोनाइजरों के द्वारा अवैध रूप से प्लाटों की बिक्री और कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर आदिवासियों की जमीनों की भी धोखाधड़ी पूर्वक खरीद फरोख्त की शिकायत मिलती रहती हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन इन मसलों को नजर अंदाज कर रहा है। निश्चित रूप से जब भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ अभियान की समीक्षा करेंगे तब भी उमरिया जिला अन्य जिलों की अपेक्षा फिसडी साबित होगा।
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