MP Assembly Election: मध्यप्रदेश में नहीं चली मोदी-शाह की,आखिरकार शिवराज को सौंपी प्रदेश की कमान,यहां जानिए इसकी बड़ी वजह

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MP (संवाद)। मध्यप्रदेश में विधानसभा का चुनावी बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग के द्वारा चुनावी कार्यक्रम की तिथियों की घोषणा करते हुए मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में आचार संहिता लागू कर दी गई है। वहीं लगातार बीते कई महीनो से मध्यप्रदेश को लेकर जहां बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व के द्वारा जिस तरीके से कसावट की जा रही थी, और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ही दरकिनार करने की खबरें लगातार आ रही थी। लेकिन मध्यप्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में पहचान बन चुके सीएम शिवराज सिंह चौहान के आगे मोदी-शाह की बिल्कुल नहीं चल सकी। आखिरकार प्रदेश की बागडोर अब शिवराज के हाथों में जाते दिखाई दे रही है।

MP Assembly Election: मध्यप्रदेश में नहीं चली मोदी-शाह की,आखिरकार शिवराज को सौंपी प्रदेश की कमान

दरअसल विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कुछ महापुरुष से जिस तरीके से अमित शाह के द्वारा मध्य प्रदेश के चुनाव को लेकर कसावट की जा रही थी। खासकर प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हाथों से छीन लिया गया था। बीते 2 महीने से राष्ट्रीय नेतृत्व के द्वारा प्रत्याशियों के चयन को लेकर की जा रही माथापच्ची मैं स्वयं अमित शाह उलझ गए। मिली जानकारी के मुताबिक शाह के द्वारा मध्य प्रदेश का चुनाव गुजरात पैटर्न पर लड़ने का निर्णय लिया जा रहा था। इस निर्णय में जहां मौजूदा सरकार में 8 से 10 मंत्रियों और दो दर्जन विधायकों के टिकट काटे जाने की खबरें लगातार आती रही हैं।

MP Assembly Election: मध्यप्रदेश में नहीं चली मोदी-शाह की,आखिरकार शिवराज को सौंपी प्रदेश की कमान

इतना ही नहीं पूरे चुनावी माहौल और प्रत्यासी चयन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी दूर रखा जा रहा था। सूत्रों की जानकारी के मुताबिक स्वयं शिवराज की उम्मीदवारी पर भी सवाल खड़े किए जा रहे थे और लगातार यह जानकारी आ रही थी कि उन्हें बुधनी से उम्मीदवारी ना कर कर कहीं और से करने की चर्चा आम थी। लेकिन जब मध्य प्रदेश की तासीर बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह को समझ आई तब वह किसी भी नतीजे में पहुंचने से पहले ही शिवराज सरकार में शामिल मंत्री और विधायकों को ही उम्मीदवार बनाना उचित समझा है।

MP Assembly Election: मध्यप्रदेश में नहीं चली मोदी-शाह की,आखिरकार शिवराज को सौंपी प्रदेश की कमान

सोमवार की शाम बीजेपी के उम्मीदवारों की आई चौथी सूची में 57 उम्मीदवारों में से ज्यादातर बीजेपी सरकार में मंत्री रहे और विधायक रहे नेताओं को ही उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा जो जानकारी सूत्रों के हवाले से आ रही है वह यह कि राष्ट्रीय नेतृत्व अब एक बार फिर मध्य प्रदेश में विधानसभा 2023 का चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का मन बनाया है। हालांकि अंदर खाने से खबर है कि इन बीते दो महीनों में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का दौरा मध्य प्रदेश में हो चुका है, इस दौरान उन्होंने देखा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के लोकप्रियता कहीं से भी कम नहीं आंकी जा सकती।

MP Assembly Election: मध्यप्रदेश में नहीं चली मोदी-शाह की,आखिरकार शिवराज को सौंपी प्रदेश की कमान

इसी दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्धारा मास्टर स्ट्रोक योजना लाडली बहना लागू करने और महिलाओं को मिल रहे सीधे लाभ से जहां शिवराज ने बीते महीने कई संस्थाओं के द्वारा मध्यप्रदेश के चुनावी सर्वे में आए रिपोर्ट को उलट दिया है। कई संस्थाओं के सर्वे में बताया जा रहा था कि बीजेपी पार्टी सत्ता से काफी दूर रहेगी और कांग्रेस को सत्ता के नजदीक बताया जा रहा था। लेकिन शिवराज की इस मास्टर स्ट्रोक योजना ने सारे सर्वे को पलट दिया है। और शायद यही मुख्य वजह है कि राष्ट्रीय नेतृत्व को लगा कि मध्यप्रदेश में जिस तरीके का माहौल पहले बना हुआ था, उसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटकर बीजेपी सरकार की ओर रुख कर दिया है। इसलिए मध्यप्रदेश की कमान अब शिवराज के हाथों में ही रहनी चाहिए।
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