MP (संवाद)। मध्य प्रदेश में बीते बुधवार को एक सब इंजीनियर और एक पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद ठीक उसके दूसरे दिन यानी गुरुवार को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक रेंजर और डिप्टी रेंजर को 50 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त जबलपुर ने रंगे हाथ पकड़ा है। वही उत्तराखंड के जल संसाधन विभाग के अभियंता को ठेकेदार के बिल भुगतान में कमीशन के तौर पर 50 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया है। दोनों मामले में घूसखोर अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही की गई है।
Lokayukt Traip: कही अभियंता तो कही रेंजर और डिप्टी रेंजर 50-50 हजार की रिश्वत लेते हुए एक्स्पोज, फिर मुंह छुपाते आए नजर
दरअसल पूरे मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी घूसखोरी और घूसखोर अधिकारियों का मकड़जाल ऐसा फैला है कि सरकारें कितनी भी कार्यवाही कर लें, या इसके विरुद्ध कितने भी नियम और कानून बना ले, लेकिन रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारी बगैर रिश्वत लिए काम करने को तैयार ही नहीं है। इसीलिए आए दिन घूसखोरी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त या विजिलेंस की टीम कार्यवाही करते नजर आ रही है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से सामने आया है जहां एक लकड़ी के ठेकेदार के द्वारा बगैर तप के लकड़ी काटने और उसका परिवहन करते पकड़े जाने के बाद रेंजर और डिप्टी रेंजर कार्यवाही नहीं करने या मामले को कमजोर करने के लिए 50 हजार की रिश्वत मांगी थी।
लोकायुक्त जबलपुर को शिकायतकर्ता टिंबर मर्चेंट व्यवसायी योगेंद्र सिंह पटेल निवासी नरसिंहपुर के द्वारा इस आशय की शिकायत की गई की उसके द्वारा लिखित अनुमति लेकर गोटेगांव के पास एक गांव में किसान के खेत से लकड़ी कटवा कर गाड़ी में लोड कर रहा था। तभी इलाके के रेंजर दिनेश मालवीय और डिप्टी रेंजर कमलेश चौहान वहां पहुंच गए। मौके पर टीपी नहीं होने के कारण उनके द्वारा वाहन को जप्त कर फॉरेस्ट चौकी गोटेगांव में खड़ा कर दिया। जब ठेकेदार शिकायतकर्ता के द्वारा रेंजर से वहां छोड़ने का निवेदन किया तब रेंजर और डिप्टी रेंजर के द्वारा ₹50000 के रिश्वत मांगी गई।
Lokayukt Traip: कही अभियंता तो कही रेंजर और डिप्टी रेंजर 50-50 हजार की रिश्वत लेते हुए एक्स्पोज, फिर मुंह छुपाते आए नजर
इसी बात की शिकायत शिकायत करता योगेंद्र सिंह पटेल ने लोकायुक्त जबलपुर से कर दी इसके बाद लोकायुक्त ने पूरे प्लानिंग के तहत दोनों अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाया और जैसे ही शिकायतकर्ता योगेंद्र पटेल के द्वारा रिश्वत की राशि 50 हजार दी गई, उसके बाद लोकायुक्त ने छापा मार कार्यवाही करते हुए रेंजर और डिप्टी रेंजर के पास से रिश्वत की राशि 50 हजार सहित रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
वही उत्तराखंड के नैनीताल में लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के द्वारा एक ठेकेदार से उसके द्वारा कराए गए निर्माण कार्य के बिल भुगतान के बदले 50000 की रिश्वत मांगी जा रही थी। रिश्वत नहीं देने पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कृष्ण सिंह उसके बिल भुगतान को पेंडिंग कर दिया था। इस बात की शिकायत ठेकेदार ने विजिलेंस टीम से कर दी।
Lokayukt Traip: कही अभियंता तो कही रेंजर और डिप्टी रेंजर 50-50 हजार की रिश्वत लेते हुए एक्स्पोज, फिर मुंह छुपाते आए नजर
शिकायत के बाद विजिलेंस की टीम ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाया और ठेकेदार के द्वारा ₹50000 रिश्वत के तौर पर देने के लिए कहा गया इसके बाद जैसे ही ठेकेदार के द्वारा एक रेस्टोरेंट में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कृष्ण सिंह को रिश्वत की राशि 50 हजार रुपए दी गई उसके बाद विजिलेंस की टीम ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को रिश्वत की राशि 50000 सहित गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद बिजलेंस की टीम ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की उसके निवास और उसके ठिकानों पर छापामार कार्यवाही की है।