बजट का बंदरबांट करने में जुटा स्वास्थ्य विभाग,चोरी छिपे निजी बिल्डिंग में रखवाया खरीदी का माल

उमरिया (संवाद)। जिले का स्वास्थ्य विभाग धांधली,घपले और नए कारनामों के लिए मशहूर है। हाल ही का जिप्सी कांड किसी से छिपा नहीं है। इसके बाद अब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में बजट का बंदर बांट करने एक नई रूपरेखा तैयार कर ली गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुखिया और अकाउंटेंट के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के खजाने को निपटाने के लिए मार्च के अंतिम समय में बड़े पैमाने पर अनाप-शनाप खरीदी की है। इतना ही नहीं इसकी जानकारी किसी को नहीं हो, इसके लिए विभाग ने एक नया गोडाउन निजी बिल्डिंग में बना लिया है।
स्वास्थ्य विभाग के मुखिया और उनके एक दो खास कर्मचारी मिलकर मार्च महीने के अंतिम समय में बजट को निपटाने के लिए नया जुगाड़ ढूंढ लिए है। इसके लिए विभाग के मुखिया की टीम बगैर किसी की जानकारी के चोरी छुपे ढंग से हाईवे के किनारे शहडोल रोड पर एक निजी बिल्डिंग में प्राइवेट स्टोर बना लिए हैं जहां से सामग्री जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जा रहा है। इतना ही नहीं विभाग के अन्य कर्मचारियों को इसकी जानकारी ना हो इसके लिए वहां स्वयं अकाउंटेंट उपस्थित होकर सामग्री भेजने में लगे हैं। जबकि ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग के पास उसकी खुद की बिल्डिंग या स्टोर मौजूद नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के पास सामग्री का संधारण करने के लिए स्टोर कीपर भी मौजूद है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मुखिया और कुछ एक दो कर्मचारियों की मिली भगत से चोरी छिपे इस पूरे मामले को अंजाम दे रहे हैं। सूत्रों से इसकी भी जानकारी मिली है कि विभाग के मुखिया के द्वारा अपने कुछ चहेतो और चुनिंदा सप्लायरों के द्वारा सामग्री का क्रय किया गया है और इस बात की जानकारी किसी को ना हो, इसके लिए उन्होंने इसे निजी भवन में रखवाया है और यहीं से उसे भेज भी जा रहा है।
हालांकि कुछ लोगों की सक्रियता के कारण विभाग के द्वारा की जा रही धांधली की जानकारी सामने आ गई है। जिले के कलेक्टर को भी मामले की जानकारी हो चुकी है उनके द्वारा विभाग से जानकारी ली जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह की स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार आखिर कब तक सरकार की लाखों की राशि का दुरुपयोग कर धांधली करते रहेंगे.? सूत्र बताते हैं की विभाग की मुखिया जिन कर्मचारियों को विभाग के महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है जिसमें लेखा प्रबंधक और लेखपाल शामिल है इनके ऊपर इसके पहले भी कई गंभीर आरोप लगे हैं। जिसके चलते पूर्व के कलेक्टर ने उनके खिलाफ कार्यवाही भी की थी।
लेकिन न जाने क्यों ऐसे दोषी कर्मचारियो को विभाग के मुखिया महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। बहरहाल इससे तो यही पता चलता है कि विभाग के मुखिया भी इन्हीं गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों के साथ मिलकर नई गड़बड़ी और धांधली को अंजाम दे सकते हैं.?
Leave a comment