उमरिया (बिरसिंहपुर पाली)। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र बिरसिंहपुर मंगठार मैं शनिवार को हुई एक श्रमिक की मौत मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। जिसमें यह की संजय गांधी प्रबंधन और वहां पर कार्यरत ठेका कंपनी के द्वारा नॉन टेक्निकल श्रमिक से विद्युत जैसे टेक्निकल कार्य कराए जा रहे हैं, नतीजा शनिवार को एक श्रमिक की करंट लगने से इलाज के दौरान झुलसने से मौत हो गई। इसके बाद प्रबंधन और ठेका कंपनी के ऊपर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि उनके द्वारा विद्युत जैसे टेक्निकल कार्यों को नॉन टेक्निकल और एक साधारण श्रमिक से कराया गया। मामले में जिस तरीके से संजय गांधी प्रबंधन और ठेका कंपनी की लापरवाही और बद इंतजामी सामने आई है उसके कारण उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए.?
SGTPS: नॉन टेक्निकल से विद्युत कार्य कराना श्रमिको की जान से खिलवाड़,राजकुमार की मौत के जिम्मेदारों पर दर्ज हो FIR
दरअसल संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में लगातार कई वर्षों से संजय गांधी प्रबंधन और वहां पर कार्य ठेका कंपनियों की मनमानी और लापरवाहियां उजागर होती रही है। इसके कारण बीते शनिवार को एक श्रमिक मौत की भेंट चढ़ गया। श्रमिक की मौत होने के उपरांत संजय गांधी प्रबंधन और ठेका कंपनी इस गुनाह से अपने को बचाने और मामले को दबाने अनेकों प्रयास शुरू कर दिए है। मृतक श्रमिक के घर पहुंचकर उसे मुआवजा सहित अन्य व्यवस्थाएं देने का लालच देना शुरू कर दिए हैं।
SGTPS: नॉन टेक्निकल से विद्युत कार्य कराना श्रमिको की जान से खिलवाड़,राजकुमार की मौत के जिम्मेदारों पर दर्ज हो FIR
जबकि सर्व विदित है कि संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र एक बड़ा पावर स्टेशन है जहां विद्युत का उत्पादन कर सप्लाई की जाती है। इन कार्यों में ज्यादातर चाहे वह संजय गांधी प्रबंधन की ओर से हो या वहां पर कार्यरत ठेका कंपनी की ओर से हो विद्युत कार्यों के लिए इससे जुड़ी पढ़ाई यानी आईटीआई या अन्य इलेक्ट्रिक से जुड़े टेक्निकल का ज्ञान अर्जित करने वाले लोग ही इस कार्य को करते हैं। लेकिन ठेका कंपनी के द्वारा विद्युत जैसे कार्यों के लिए नॉन टेक्निकल यानी एक साधारण श्रमिक से इलेक्ट्रिक का कार्य कराया जाता है। कारण जो भी हो लेकिन यह एक बड़े गुनाह से कम नहीं है।
SGTPS: नॉन टेक्निकल से विद्युत कार्य कराना श्रमिको की जान से खिलवाड़,राजकुमार की मौत के जिम्मेदारों पर दर्ज हो FIR
हालांकि ठेका कंपनी अपनी यह मनमानी प्रबंधन के किस अधिकारी के इशारे पर करते हैं यह तो नहीं पता लेकिन ठेका कंपनी के कार्य और उनके श्रमिकों की जानकारी प्रबंधन के पास मौजूद रहती है। इसी जानकारी के आधार पर प्रबंधन श्रमिकों को परिचय पत्र भी जारी करता है जिसमें बाकायदा उसका नाम पता और उसकी योग्यता को दर्शाया जाता है। प्लांट प्रबंधन द्वारा जारी परिचय पत्र में मृतक राजकुमार सिंह को कुशल श्रमिक बताया गया है। लेकिन इससे जुड़े दस्तावेज यानी आईटीआई या इलेक्ट्रिक का कोई भी डिप्लोमा या कागजात उसके पास मौजूद नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि मृतक राजकुमार इलेक्ट्रिक जैसे टेक्निकल कार्यों के लिए उपयुक्त या योग्यता नहीं रखता था।
SGTPS: नॉन टेक्निकल से विद्युत कार्य कराना श्रमिको की जान से खिलवाड़,राजकुमार की मौत के जिम्मेदारों पर दर्ज हो FIR
बावजूद इसके ठेका कंपनी के द्वारा मृतक श्रमिक राजकुमार सिंह गोंड़ को विद्युत खंभे पर चढ़ाकर इलेक्ट्रिक का कार्य सौंप दिया गया। इस दौरान राजकुमार को जोरदार करंट लगा और वह खंबे से नीचे गिर गया। घटना के बाद राजकुमार को मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।