आज हमारे मोहन दास करमचंद्र गांधी के 154 जयंती पर कहि इस प्रकार दो बाते। जी हाँ अब आप सभी जानते है की हमारे बापू महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर मनाई जाती है। और बता दे अब हम उनके जीवन के बताते है तो उनका नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। लेकिन उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके जन्मस्थान पोरबंदर में शुरू हुई। और गांधीजी एक औसत छात्र थे और खेलों में भी ज्यादा शामिल नहीं होते थे। लेकिन कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि वे अंग्रेजी में अच्छे, अंकगणित में अच्छे और भूगोल में कमजोर थे। लेकिन बता दे उनका आचरण बहुत अच्छा था और वह ऐसे व्यक्ति थे। आइये जानते गांधीजी के लाइफ के बारे में,
Gandhi Jayanti 2023: आज हमारे मोहन दास करमचंद गांधी के 154 जयंती पर देखते है इनके जीवन की गाथा
महात्मा गाँधी पढ़ाई में तेज और लिखावट थी खराब
अब बता दे की माहैत्मा गाँधी जी पोरबंदर के बाद अपने पिता की नई नौकरी के कारण राजकोट चले गए। और जिसके बाद 11 साल की एज में उनका दाखिला अल्फ्रेड हाई स्कूल में हो गया। और ये कॉलेज लड़कों का था। लेकिन यहां वह अंग्रेजी सहित कई सब्जेक्ट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एक अच्छे छात्र के रूप में जाने जाते थे। और गाँधीजी ने अपने जीवन में वो बच्चो से बहुत ज्यादा प्यार करते थे। और गाँधी जी ने अपना जीवन बहुत ही सरल और स्वभाव से व्यतीत करते थे।
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पढ़ाई के लिए परिवार छोड़ा तो समुदाय ने किया बहिष्कृत
अब बता दे 13 वर्ष की एज में उनकी शादी हो गई। लेकिन जिसके कारण उन्हें हाई स्कूल में एक वर्ष रुकना पड़ा। और बता दे हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें सामलदास आर्ट्स कॉलेज में प्रवेश मिला था। और उसके बाद में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया गया था। लेकिन पोरबंदर में अपने परिवार के पास वापस चले गये। कुछ टाइम बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई करने का डिसीजन किया। और अपने परिवार को छोड़ने के उनके डिसीजन की आलोचना हुई और उन्हें समुदाय से बहिष्कृत कर दिया गया। जिसके बावजूद वह 1888 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन गए और तीन साल में कानून की डिग्री पूरी की।
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गांधीजी को फुटबॉल में बढ़ी रुचि थी
अब बता दे कि गांधीजी का फुटबॉल में बहुत रूचि थी। इसके बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के डरबन, प्रिटोरिया और जोहान्सबर्ग में तीन फुटबॉल क्लबों के संस्थापक भी बने। और दक्षिण अफ्रीका के बाद वह भारत लौट आए। और उस समय भारत पर अंग्रेजों का कब्जा था। लेकिन जिसके बाद महात्मा गांधी भी देश को आजादी दिलाने के लिए उसमे लग गए थे।
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स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधी जी को 13 बार गिरफ्तार किया गया था
अब बता दे आपको की स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधीजी को 13 बार गिरफ्तार किया गया। और इस दौरान उन्होंने 17 बड़े उपवास किये और लगातार 114 दिनों तक भूखे रहे। लेकिन बता दे की नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। और महात्मा गांधी को कभी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। लेकिन उन्हें पांच बार (1937, 1938, 1939, 1947, 1948) नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया गया था। और गांधीजी ने देश को आजाद करने के लिए अपनी पूरी जान लगा थी।
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