MP: चारा घोटाले की तर्ज पर एमपी के इस जिले में हुआ धान घोटाला,74 लोंगो के खिलाफ 12 थानों में दर्ज हुई FIR

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जबलपुर (संवाद)। बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर एमपी के जबलपुर में बड़ा धान घोटाला सामने आया है। जिसमे फर्जी तरीके से धान का परिवहन कर सरकार को।करोड़ो रूपये का चूना लगाया गया है।धान परिवहन में वाहनों के दिखाए गए नंबर कार,ट्रेक्टर और बसों के निकले है।
घोटालेबाजों ने तमिलनाडु और महाराष्ट्र में चल रही गाड़ियों को भी धान के परिवहन में इस्तेमाल करना दिखाया
धान मिलिंग के नाम पर 30 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा
कलेक्टर दीपक सक्सेना की अगुवाई में जबलपुर जिला प्रशासन की सबसे बड़ी कार्यवाही
मामले में 74 लोगों के खिलाफ 12 थानों में दर्ज करवाई गई FIR
एक ही ट्रक को जबलपुर से उज्जैन एक दिन में तीन-तीन बार मूवमेंट होना दिखाकर किया गया फर्ज़ीवाड़ा
जिन ट्रकों से धान का परिवहन दिखाया गया वो टोल नाके से गुजरे ही नहीं
दूसरे शहरों में भेजने के बजाए स्थानीय दलालों को बेच दी गई करोड़ों की धान
17 राइस मिलर्स ने मिलकर दिया घोटाले को अंजाम
17 राइस मिलर्स ने फर्जी तरीके से 14 हजार टन धान का उठाव होना दर्शाया
14 हजार टन धान के उठाव के लिए वाहनों के 614 ट्रिप दिखाए गए
614 में से 571 वाहनों की आवाजाही का कोई रिकॉर्ड टोल नाके पर नहीं मिला
307 ऐसी गाड़ियों के नंबर मिले जो की कार और बस के थे
मिलर्स ने कुछ गोदामों से धान की खरीदी किए बिना ही फर्जी एंट्री दिखाई
इन लोगों पर हुई कार्रवाई
मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन के जिला प्रबंधक सहित 13 कर्मचारी
17 राइस मिलर संचालको के खिलाफ कार्रवाई
25 सोसाइटी और उपार्जन केंद्र के 44 कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज
कलेक्टर ने 2510 पन्नों की जांच रिपोर्ट की तैयार
11 समिति व उपार्जन केंद्र के 20  प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर पर कार्रवाई के निर्देश
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई जारी
संकुल उपार्जन केंद्र के प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ को कार्रवाई के निर्देश
बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर घोटाले बाजों ने जबलपुर में धान घोटाले को अंजाम दिया है। एक शिकायत की जांच के बाद जबलपुर के जिला प्रशासन ने जब अपनी जांच आगे बढ़ाई तो इस पूरे मामले की परतें  उधड़नी शुरू हो गई। घपलेबाजो ने पूरे घोटाले को जिस तरह से अंजाम दिया है इसकी हकीकत जानने के बाद बिहार के बहुचर्चित धान घोटाले की यादें ताजा हो गई है।
दरअसल जबलपुर में धान के परिवहन के लिए जिन 18 मिलर्स को टेंडर दिया गया था और उन्होंने सरकारी खजाने को जमकर चपत लगाई। ठेकेदारों ने कार से लेकर बस, ट्रैक्टर और पिकअप गाड़ियों में करोड़ों की धान का परिवहन दिखाकर सरकार को चूना लगा दिया, इसके अलावा तमिलनाडु और महाराष्ट्र में चल रही गाड़ियों को भी धान के परिवहन में इस्तेमाल करना दिखाने के साथ साथ जिन गाड़ियों की क्षमता 100 क्विंटल तक की है उनमें 400 क्विंटल तक धान का परिवहन बताकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया।
हैरानी की बात तो यह है कि घोटालेबाज ठेकेदारों ने सरकारी अफसरों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर एक ही गाड़ी को एक ही दिन में जबलपुर से उज्जैन तक की तीन-चार ट्रिप लगाना भी दिखाया है। जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना की अगुवाई में बनी टीम ने करीब ढाई हजार पन्नों की जांच रिपोर्ट तैयार की है जिसमें राइस मिलर्स, सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन और धान की सोसाइटियों की मिली भगत का पूरा खुलासा हुआ।
यह पूरा घोटाला करीब 30 करोड़ का बताया जा रहा है। हकीकत सामने आने के बाद प्रशासन ने 17 राइस मिलर्स के संचालकों के अलावा 25 सोसाइटी और उपार्जन केंद्रों के 44 कर्मचारी और मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन के जिला प्रबंधक सहित 13 कर्मचारियों को मिलाकर कुल 74 लोगों के खिलाफ जबलपुर के 12 थानों में एफआईआर दर्ज कराई है।
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