Tiger Death:बांधवगढ़ के फिर एक बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

Editor in cheif
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शहडोल/बांधवगढ (संवाद)। शहडोल जिले के उत्तर वन मंडल और बांधवगढ़  बफर क्षेत्र में फिर एक बार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। घटना की जानकारी के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा है और बाघ की मौत किन वजहों से हुई है का पता लगाने में जुटा हुआ है।
घटना के संबंध में बताया गया कि बाघ का शव 4 से 5 दिन पुराना है। जिससे उसके शव से दुर्गंध आने के बाद आने जाने वाले लोगों को जानकारी हुई और उनके द्वारा वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई है।घटना जिले के ब्यौहारी उत्तर वन परिक्षेत्र गोदावल के घोरसा बीट की बताई गई है।
बता दें कि इस क्षेत्र से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भी लगा हुआ है और बांधवगढ़ के बाघों का मूवमेंट इस क्षेत्र में लगातार देखा जा रहा है 10 से 15 बाघों की संख्या में इस क्षेत्र में विचरण करते हैं इसके पहले बाघ क्षेत्र के गांव के आसपास भी देखा गया था। और ग्रामीणों के कई मवेशियों का शिकार भी किया था। लगातार बाघों के मूवमेंट से इस क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के लोगों में दहशत तो बनी ही रहती साथ ही बाघ के द्वारा उनकी मवेशियों का भी शिकार किया जाता है।
कई बार ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग और बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन से बाघों को बांधवगढ़ की सीमा के भीतर ले जाने की बात कही जाती रही है लेकिन प्रबंधन और वन विभाग ना तो बाघों की निगरानी कर रहा है और ना ही आम लोगों के जान माल की रक्षा करने में सक्षम दिखाई दे रहा है। इसके पहले इसी क्षेत्र में एक जंगली हाथी के मारे जाने से जहां हड़कंप मचा हुआ था और उसकी जांच की जा रही है । वही अब एक बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होना बड़े सवाल खड़ा करता है।
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