कौशल विश्वकर्मा, एडिटर इन चीफ। 9893833342
उमरिया (संवाद)। खुद के द्वारा जानबूझकर की गई गलती को छिपाने और मामले को रफा-दफा करने में कोल प्रबंधन कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता, जिसके लिए कोल प्रबंधन हादसे में प्रभावित हुए क्षेत्र से कोसों दूर हादसे में मृत सुखलाल बैगा की बेटी ननकी बाई के ससुराल निपनिया पहुंच गए जहां मृतक ननकी बाई
के पति और उसके ससुराल पक्ष के लोगों से बातचीत कर पैसे और प्राइवेट नौकरी के बदले में मामले को रफा-दफा करने की बात की पेशकश की है। इसके अलावा कोल प्रबंधन ने मृतक के पिता सुखलाल ग्राम धनवाही निवासी को भी निपनिया के लिए बुलावा भेजा गया था और उसे भी मुआवजा राशि को लेकर मामले को रफा-दफा करने की समझाइश दी गई है।
जानकारी के मुताबिक इस पूरे मामले में कोल प्रबंधन ने निपानिया गांव में बैठकर मृतक ननकी बाई की लगभग 12 वर्षीय बेटी के नाम एफडी कराने, मृतक के पति को कुछ पैसे और कोल माइंस में प्राइवेट नौकरी देने की बात कही गई है। इसके अलावा मृतक के पिता सुखलाल बैगा को मुआवजा राशि देने की बात कही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि मामले में कार्यवाही की बात कोई नहीं कर रहा है। जबकि साफ तौर पर यह बात सामने आई थी कि कंचन कोयला खदान प्रबंधन की सरेआम लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है। माइंस के द्वारा लगातार की जा रही है ब्लास्टिंग के कारण प्रभावित मकान धीरे-धीरे कमजोर होता गया और 9 मई सोमवार को की गई हैवी ब्लास्टिंग के तुरंत बाद धनवाही निवासी सुखलाल का मकान गिर गया। जिसमें दबकर सुखलाल की बेटी और उसकी पोती की मकान में दबकर मौत हो गई। इसके अलावा धनवाही गांव सहित आसपास के अन्य इलाकों के मकान कंचन कोल माइंस की हैवी ब्लास्टिंग से प्रभावित हुए हैं। मकानों की दीवारों दरार साफ तौर पर देखी जा सकती हैं। इसके बाद ग्रामीणों ने सालों से कई बार प्रबंधन को आगाह भी किया है। लेकिन प्रबंधन को कोयला उत्पादन के अलावा किसी गांव या लोगों की सुरक्षा से क्या लेना देना।
धनवाही में 9 मई को हुआ हादसा कोई अचानक होने वाला हादसा नहीं है, बल्कि यह प्रबंधन की जानबूझकर की गई गलती और अनदेखी का नतीजा है। जिसके लिए प्रबंधन के जिम्मेदारों पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए और कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। जिसके बाद मुआवजा और अन्य कम्पनशेषन की बात की जानी चाहिए, इसके लिए कोल प्रबंधन गांव में गांव वालों के साथ बैठकर समस्या का स्थाई समाधान निकालना चाहिए ना कि चोरों की तरह कोसों दूर निपनिया में नौकरी और पैसे का लालच देकर मामले को रफा-दफा करना चाहिए। हालांकि यह मान भी लें कि कोल प्रबंधन अपना उल्लू सीधा करने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रहा है इसके लिए उसे चोरों की तरह भी जाना पड़ेगा तो वह जाएगा। लेकिन ताज्जुब तो तब होता है जब जिला प्रशासन और यहां के स्थानीय नेता बराबरी से उनके साथ खड़े रहते हैं।
विधायक की है अहम भूमिका
जानकारी के मुताबिक धनवाही में हुए हादसे में हुई ननकी बाई और उसकी बेटी की मौत मामले में बांधवगढ़ के विधायक शिव नारायण सिंह कोल माइंस प्रबंधन से मिलकर मामले को रफा-दफा करने में लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि कई बार उनके द्वारा कहा गया कि जो होना था तो हो गया। अब मुआवजा ले लो और शांत रहो। जबकि विधायक को पूरी जानकारी है कि कंचन माइंस की हैवी ब्लास्टिंग से धनवाही और नौसेमर गांव के लोग सालों से परेशान हैं। लेकिन विधायक को ग्रामीणों और कोल माइंस के साथ बैठकर इसका स्थाई समाधान निकालने की बजाय मामले को रफा-दफा करने में ग्रामीणों को छोड़कर प्रबंधन के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
जिला प्रशासन भी कटघरे में
सारी स्थितियों और परिस्थितियों से वाकिफ जिला प्रशासन भी आखिर क्यों कोल प्रबंधन की गलती और लापरवाही को नजरअंदाज कर रहा है। जबकि जिला प्रशासन भली भांति जानता है कि कंचन कोल माइंस के द्वारा भू अधिग्रहण किए बिना गांव के रहवासी क्षेत्र और निर्धारित दूरी के बाहर से कोयले का उत्खनन करने के लिए ब्लास्टिंग कर रहा है। जबकि सरासर यह गैरकानूनी और नियम विरुद्ध है। बावजूद इसके जिला प्रशासन भी जांच और कार्यवाही करने की बजाय मामले को रफा-दफा करने में कोल प्रबंधन के साथ खड़ा नजर आता है।