बाघा बॉर्डर का भ्रमण करने के पश्चात लौटी लाड़लियां,देश की सुरक्षा में लगे जवानों से हुई रूबरू

Editor in cheif
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उमरिया (संवाद)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा पर आयोजित किये जा रहे लाडली लक्ष्मी उत्सव के तहत लाडली लक्ष्मी बालिकाओं के लिये विभिन्न कार्यक्रम गत दो मई से लगातार आयोजित हो रहे है। एक ओर जहां उनके सम्मान के कार्यक्रम हो रहे है, वहीं दूसरी और देश-भक्ति का जोश और जुनून जागृत करने के लिये उन्हें देश की सुरक्षा में लगे प्रहरियों की गतिविधियों तथा उनसे रू-ब-रू होने के लिये शासकीय खर्च पर देश सीमा वाघा बार्डर भी भेजा गया। बालिकाओं में इस यात्रा के प्रति अपार उत्साह रहा। बालिकाएं शासन की इस प्रयास से बेहद खुश रहीं। इस यात्रा पर गई बालिकाओं का कहना था कि इस तरह का मौका हमें पहली बार मिला था। हमारी यह ख्वाहिश थी कि एक बार हम देश की सीमा पर जाकर जाकर देश के रक्षकों से मुलाकात करें, उन्हें देखें और उन्हें धन्यवाद दें। यह ख्वाहिश हमारी शासन ने पूरी कर दी।
ज्ञात हो कि उमरिया जिले से चार बालिकाओं को माँ तुझे प्रणाम योजना के तहत चयनित कर देश की सीमा वाघा बार्डर सहित अन्य ऐहतिहासिक महत्व के स्थानों के भ्रमण पर शासकीय खर्च पर भेजा गया। इन बालिकाओं में लाडली आरती पासी माता मालती पासी पिता लक्ष्मण पासी उम्र 16 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 4 उमरिया, पूजा पासी माता द्रोपती पासी पिता संतोष पासी उम्र 16 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 4 उमरिया, परी अग्रवाल माता मीरा अग्रवाल पिता प्रकाश अग्रवाल उम्र 15 वर्ष  तथा शिवांजलि तिवारी माता ममता तिवारी पिता प्रमोद तिवारी उम्र 16 निवासी दोनो निवासी करकेली का चयन बाघा बॉर्डर घूमने के लिए हुआ था। ये बालिकाएं लाडली लक्ष्मी बालिकाएं शामिल थी। ये बालिकाएं गत 30 अप्रैल  को उमरिया से भोपाल के लिए रवाना हुई थी जहां से  2 मई को भोपाल से वाघा बार्डर के लिये रवाना हुई, यह बालिकाएं 8 मई को वापस उमरिया पहुंची। इन बालिकाओं को वाघा- हुसैनीवाला बार्डर सहित जलियावाला बाग, अमृतसर सहित अन्य प्रमुख स्थानों को भ्रमण कराया गया। उक्त भ्रमण से सभी बालिकाएं बेहद खुश थी। उमरिया पहुंचने के बाद महिला एवं बाल विकास विभगा द्वारा इन चारों लाड़लियों को उनके घर तक छोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि पहली खुशी जब मिली जब मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान हमारे सामने थे, उन्होंने हम बच्चों से बहुत ही आत्मीयता से बात की। हमारा हौसला बढ़ाया तथा जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। झण्डी दिखाकर हमारी यात्रा को रवाना किया। दोहरी खुशी जब मिली जब हम देश की सीमा पर थे। सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों से मिले, उन्होंने हमें देश की रक्षा, सुरक्षा के प्रति प्रेरित किया। देश भक्ति का जोश और जुनून जगाया।
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