उमरिया (संवाद)। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक भीम नामक बाघ के गले में फंदे से फंसे होने की जानकारी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन को मिली थी इसके बाद प्रबंधन उसे टाइगर की तलाश में जुटा हुआ था लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा था। पांच दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार बांधवगढ़ प्रबंधन के द्वारा फंदे में फंसे घायल बाघ का सुरक्षित रेस्क्यू कर उसका इलाज प्रारंभ किया है।
5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार गले में फंदे से फंसे घायल बाघ का किया रेस्क्यू
दरअसल 5 दिन पहले जंगल सफारी के दौरान एक टूरिस्ट को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली जोन में छोटा भीम नामक बाघ के गले में फंदा फंसे देखा गया था इसके बाद टूरिस्ट ने इसकी जानकारी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को दी थी इसके बाद प्रबंधन के द्वारा इस बात की पुष्टि की गई जिसमें यह बात सामने आई की बाघ के गले में फंदा फंसा है जिससे वह घायल भी हो गया है।
5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार गले में फंदे से फंसे घायल बाघ का किया रेस्क्यू
बांधवगढ़ प्रबंधन के द्वारा तत्काल उस बाघ की तलाश में पूरा अमला लगा दिया गया। लेकिन 5 दिनों तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का दल उस बाग की तलाश में जुटा रहा। लेकिन कहीं पता नहीं चल पा रहा था लेकिन 5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार उस बाघ का पता लगा लिया गया और उसका सुरक्षित रेस्क्यू कर इलाज प्रारंभ किया गया है।
5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार गले में फंदे से फंसे घायल बाघ का किया रेस्क्यू
प्रबंधन की ओर से बताया गया कि घायल बाघ का रेस्क्यू पन पथा बफर परिक्षेत्र के बीट जगुवा आर एफ क्रमांक 502 से कर लिया गया है इसके बाद बात के गले में फैंस तार के फंदे को काटकर निकाला गया है।वहीं उसके घायल होने और उसके घाव का इलाज कर सुरक्षित पिंजरे में बंद किया गया है। घायल बाघ के इलाज के लिए वन विहार भोपाल भेजा जा रहा है।