कलेक्टर ने पंचायती संवाद की खबरों का लिया संज्ञान, कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम पहुंची ग्राम जरहा

Editor in cheif
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The amount was withdrawn without making the PM house of the deceased person, the employment assistant abusing his position, adding his mother’s name in the PM house and writing the names of his relatives in the musterroll and paying wages, and many other complaints are being received. Was. Regarding which the news was published prominently through Panchayati Samvad, after which Collector Sanjeev Srivastava, taking the matter seriously, directed to conduct an investigation.

उमरिया (संवाद)। जिले के करकेली जनपद के ग्राम पंचायत जरहा में लगातार भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही थी। वहां के ग्रामवासियों का कहना था कि ग्राम रोजगार सहायक मनमाने तरीके से पंचायत में गड़बड़ी और भ्रस्टाचार कर रहे हैं। मृत व्यक्ति का पीएम आवास बगैर बने ही राशि निकाल ली गई, रोजगार सहायक अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी मां का नाम पीएम आवास में जोड़ने और अपने सगे संबंधियों के नाम मस्टररोल में लिखने और मजदूरी भुगतान करने सहित अन्य कई मामलों की शिकायतें मिल रही थी। जिसे लेकर पंचायती संवाद के द्वारा प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने के निर्देश दिए थे।

कलेक्टर के निर्देश पर जनपद पंचायत करकेली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी केके रैकवार सहित उपयंत्री और अन्य अधिकारी शुक्रवार की शाम ग्राम पंचायत जरहा जांच करने पहुंचे हुए थे। जांच टीम ने रोजगार सहायक पर लगे बिंदुवार आरोप और गड़बड़ियों को लेकर रोजगार सहायक से जवाब तलब किया है,और स्थल का निरीक्षण किया।
जानकारी के मुताबिक जांच टीम ने पहले मृत डाल्लू कोल के पीएम आवास की जानकारी ली। जिसमें बताया गया कि डल्लू का पीएम आवास और दुखी लाल का पीएम आवास संयुक्त रूप (जॉइंट) में बने हैं। लेकिन उस आवास में डल्लू के परिजनों का हस्तक्षेप ना होकर दुखी लाल का हस्तक्षेप बताया गया है। पीएम आवास देखने से पता चलता है कि दो अलग अलग व्यक्तियों के नाम बना पीएम आवास का मुख्य द्वार एक कैसे हो सकता है? वहीं यह भी साबित नहीं हो पाया कि डल्लू का आवास किस की जमीन में बना है। जिसके लिए जांच टीम ने पटवारी से कागजात और नक्शा मांगा गया है। जांच टीम ने डल्लू के परिजनों का बयान दर्ज कर लिया है।
वहीं यह भी जानकारी मिली है कि ग्राम रोजगार सहायक की मां का नाम पीएम आवास के लिए सूची में जोड़ा गया है। जिसकी जांच पर यह पता चला कि  पीएम आवास की सूची में नाम जोड़ा गया था लेकिन बाद में अब अपात्र कर दिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि रोजगार सहायक जानबूझकर लाभ लेने के प्रयास में था।
इसके अलावा रोजगार सहायक के द्वारा अपने सगे संबंधियों भाई, बहन, भाभी और मां के नाम मस्टररोल में दर्ज कर मजदूरी भुगतान भी की गई है। जांच टीम के द्वारा मस्टररोल की मांग की गई है वहीं सामुदायिक शौचालय में भ्रष्टाचार और शराब खोरी के संबंध में भी जांच की गई है।
बहरहाल तमाम बिंदुओं पर जांच टीम ने रोजगार सहायक और पंचायत के जिम्मेदारों से समस्त दस्तावेजों की मांग की गई है जिसके लिए उन्हें तय समय सीमा में दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश जांच टीम के द्वारा दिए गए है। दस्तावेज मिलने के उपरांत ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। रही बात जांच अधिकारियों को शिकायतों से जुड़े दस्तावेज, कथन कब तक मिल पाते हैं, या जांच कितनी निष्पक्षता से की जाएगी यह बड़ा सवाल है?
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