एक्शन में कलेक्टर: शांति और सौहार्द बिगाड़ने वालों पर होगी कठोर कार्यवाही,भाषा या भड़काऊ नारे लिखा जाना पूर्णतः प्रतिबंधित

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शहडोल (संवाद)। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्रीमती वंदना वैद्य ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए शहडोल जिला अंतर्गत आए दिन विभिन्न समुदाय एवं दलों के लोगों द्वारा रैली, जुलूस, जलसा, धार्मिक यात्रा, मार्च, जन यात्रा एवं उत्सव यात्रा निकाली जाती है। जिससे जिले में कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा भंग होने जन सामान्य की सुरक्षा, असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण तथा सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखे जाने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जारी आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि जिला अंतर्गत समस्त रैली, जुलूस, जलसा, धार्मिक यात्रा, मार्च, जन यात्रा, उत्सव यात्रा एवं अन्य ऐसे कार्यक्रम जिनमें जनसमूह एकत्रित होता है, निकाले जाने एवं आयोजित किए जाने के पूर्व संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति प्राप्त किए जाना अनिवार्य होगा।
उक्त रैली, जुलूस, जलसा, धार्मिक यात्रा, मार्च, जन यात्रा, उत्सव यात्रा में डीजे एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
किसी भी प्रकार की कट आउट, बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स, होर्डिंग्स, झंडे आदि जिन पर भी धर्म, व्यक्ति, संप्रदाय, जाति या समुदाय के विरुद्ध नारे या भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया हो, का प्रकाशन एवं उसका किसी भी स्थल (निजी एवं सार्वजनिक स्थलों) पर प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित होगा।
कलेक्टर में जारी आदेश में कहा है कि किसी भी भवन एवं संपत्ति (सार्वजनिक अथवा निजी) पर आपत्तिजनक भाषा या भड़काऊ नारी लिखे जाना प्रतिबंधित होगा।
सोशल मीडिया एवं अन्य ऐसे मैसेजिंग एप (जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम एवं अन्य) पर ऐसा आपत्तिजनक पोस्ट जिससे धार्मिक भावना भड़के एवं किसी भी संप्रदाय विशेष की भावना उध्देदित हो पोस्ट को प्रसारित किया जाना प्रतिबंधित होगा।
कलेक्टर ने कहा कि यह आदेश आमजन को संबोधित है। जो कि वर्तमान में मेरे समक्ष ऐसी परिस्थितियां नहीं है और ना ही यह संभव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति को दी जाए। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जा रहा है। इस आदेश से व्यथित व्यक्ति दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में वर्णित प्रावधानों के आधीन अधोहस्ताक्षरकर्ता कि न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। यदि कोई भी व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत दंडनीय होगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

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