Umaria: किसान के साथ अभद्रता और मारपीट करने के आरोपी तहसीलदार को कलेक्टर ने दी क्लीन चिट,कलेक्टर की जांच पर सवाल हुए खड़े.?

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उमरिया (संवाद)। बीते दिनों जिले के मानपुर तहसील में एक किसान के साथ तहसीलदार के द्वारा अभद्रता और मारपीट करने के आरोप लगे थे इस संबंध का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिसमें तहसीलदार किसान को गुस्से से पकड़कर खींचते हुए अंदर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। मामले की जांच में जिले के कलेक्टर ने किसान के साथ मारपीट करने वाले आरोपित तहसीलदार को क्लीन चिट दे दी है। वहीं उल्टे किसान को ही दोषी करार दिया गया है। जबकि जांच में इस बात का उल्लेख नहीं है कि किसान के द्वारा तहसील में लगाए गए नामांतरण का आवेदन खारिज हुआ या नहीं, और क्या उसने इस मामले की शिकायत 181 में की है या नहीं.?

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वायरल वीडियो और किसान सुखी लाल साहू के द्वारा नायब तहसीलदार राघवेंद्र पटेल के ऊपर लगाए गए आरोप की जांच कमिश्नर के निर्देश पर कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने जांच उपरांत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि किसान सूखी लाल साहू नायब तहसीलदार राघवेंद्र पटेल के ऊपर मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाए हैं। नायब तहसीलदार के द्वारा उसके साथ किसी भी प्रकार की कोई मारपीट नहीं की गई है। बल्कि उसने तहसीलदार के ऊपर ऋण पुस्तिका और मोबाइल चोरी किए जाने का झूठा आरोप लगाया है। इतना ही नहीं सूखी लाल साहू बेहोश भी नहीं हुआ था वह बेहोश होने का नाटक कर रहा था जिसकी तस्वीर मानपुर थाने की पुलिस ने की है। कलेक्टर ने रिपोर्ट में लिखा कि किसान सूखी लाल साहू स्वयं नायब तहसीलदार के साथ अभद्रता की है।

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दरअसल मानपुर तहसील अंतर्गत ग्राम सुखदास निवासी किसान सूखी लाल साहू के द्वारा अपनी जमीन का नामांतरण किए जाने की अर्जी तहसील कार्यालय में लगाई थी, जिसमें तहसील के कर्मचारियों के द्वारा किसान से 10 हजार की रिश्वत मांगे जाने का भी आरोप लगा था। किसान के द्वारा रिश्वत नहीं देने पर उसका आवेदन खारिज कर दिया गया था। इसके बाद किसान के द्वारा इस पूरे मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 में भी की गई थी।

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किसान दुखी लाल साहू का आरोप था कि तहसीलदार राघवेंद्र पटेल के द्वारा सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत को कटवाने का दबाव बना रहे थे और जब किसान ने शिकायत वापस नहीं ली तब तहसीलदार के द्वारा किसान का मोबाइल छीनकर 181 में की गई शिकायत को व गई है बाद में 1 घंटे बाद किसान का मोबाइल तहसील कर्मचारियों के द्वारा वापस कर दिया गया इस दौरान किस ने यह भी आरोप लगाया था कि उसकी जमीन की ऋण पुस्तिका भी उनके द्वारा रख ली गई है।

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किसान के इन्हीं सब आरोपी के चलते तहसीलदार गुस्से से तमतमा गए और खुलेआम कई लोगों के सामने किस से अभद्रता करने लगे इसके बाद तहसीलदार ने किसान का जबरन हाथ पड़कर उसे कार्यालय के अंदर ले गए इस संबंध का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था कि किस कदर तहसीलदार तो पहले किस के साथ अभद्रता की और उसके बाद उसे पकड़ कर जबरदस्ती कार्यालय के अंदर ले गए।

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इसके बाद जब किसान सूखी लाल साहू कार्यालय से वापस बाहर निकला तब वह बेहोशी की हालत में रहा है। इस कारण उसे तत्काल मानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज किया गया। इलाज के दौरान किसान ने आरोप लगाया कि उसे जबरन कार्यालय के कमरे में ले जाकर उसके साथ तहसीलदार ने मारपीट की है। इस पूरे मामले की जांच उमरिया के कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के द्वारा की गई, जिसमें उन्होंने इस पूरे मामले से तहसीलदार राघवेंद्र पटेल को क्लीन चिट देते हुए उल्टे किसान को ही दोषी ठहराया है।

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कलेक्टर के द्वारा मामले की जांच कर कमिश्नर शहडोल को दिए गए जांच रिपोर्ट पत्र में तो यह उल्लेख किया है कि किसान सुखी लाल साहू तहसीलदार के ऊपर मनगढ़ंत और झूठा आरोप लगाया है जबकि किसान स्वयं नायब तहसीलदार से अभद्रता की है। जबकि वायरल वीडियो देखने में स्थिति कुछ और नजर आती है.? अब बड़ा सवाल यह है कि कलेक्टर के द्वारा की गई जांच में उन्होंने किसान का नामांतरण आवेदन खारिज हुआ या नहीं या फिर उसने क्या इस मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन 181 में की है या नहीं इसकी भी जांच क्यों नही की गई, और इसका भी उल्लेख कमिश्नर को सौंपी गए प्रतिवेदन में किया जाना था.? लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

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