उमरिया (संवाद)। बीते 26 सितंबर को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदर्शन के दौरान गोंगपा कार्यकर्ता और सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के बीच हुई मुठभेड़ मामले में जेल में बंद एक वृद्ध गोंगपा कार्यकर्ता की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई है। इसके पहले भी जब मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव का दौर चल रहा था तब भी एक बार उसकी मौत की खबर आई थी, बाद में यह जानकारी दी गई कि उसकी मौत नही हुई है बल्कि सीरियस है.?
Umaria News: आखिरकार जेल में बंद गोंगपा के वृद्ध कार्यकर्ता की इलाज के दौरान हुई मौत,विस चुनाव के दौरान भी मौत होने की बात आई थी सामने.?
जानकारी के मुताबिक बीते 26 सितंबर को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ मामले में दयाराम सिंह गोंड पिता सुखलाल सिंह गोंड़ उम्र 62 वर्ष निवासी ग्राम हिरौली थाना मानपुर को भी मामले में आरोपी बनाया गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उमरिया के जिला जेल में डाला था। जिसकी मृत्यु आज सुबह रविवार को जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान होना बताया गया है।
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बताया गया कि जेल में बंद रहने के दौरान दयाराम सिंह गन की तबीयत बिगड़ गई थी जेल प्रबंधन के द्वारा स्थानीय स्तर पर इलाज करने के बाद जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया था जेल प्रबंधन के द्वारा दयाराम को जबलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज किया जा रहा था। इस बीच जब मध्य प्रदेश सहित उमरिया जिले की दोनों विधानसभा सीट मानपुर और बांधवगढ़ में चुनावी दौड़ रहा है तब एक बार दयाराम की मौत की खबर सामने आई थी। बाद में जेल प्रबंधन और खबरों के मुताबिक दयाराम की मौत नहीं होना बल्कि उसको सीरियस होना बताया गया था।
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जबकि उस समय भी सूत्र यह बता रहे थे कि दयाराम की मौत हो चुकी है, लेकिन उसे उजागर नहीं किया जा रहा है। उसे मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर रखा गया है.? हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई थी यह तो जेल प्रबंधन और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ही जाने। लेकिन यह बात जरूर है कि अगर विधानसभा चुनाव के दौरान दयाराम की मौत उजागर होती तो इसका असर विधानसभा चुनाव जरूर देखने को मिलता.?
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लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ऐसा तो नहीं कि जेल प्रबंधन जानबूझकर किसी बड़े राजनीतिक षड्यंत्र के चलते दयाराम की मौत छिपाई गई हो.? जबकि सूत्र लगातार यही बता रहे थे कि जैसे चुनाव संपन्न होगा उसके एक-दो दिन के भीतर दयाराम की मौत उजागर कर दी जाएगी.? बहरहाल 62 वर्षीय दयाराम की मौत आखिरकार हो ही गई, फिर चाहे उसकी मौत पहले हुई हो या अब।
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