रिश्वतखोरी:रिश्वत मामले में आरोपी पटवारी को न्यायालय ने सुनाई 4 साल की सजा,इधर रेलवे स्टेशन मास्टर 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

Editor in cheif
4 Min Read
एमपी (संवाद)। मध्यप्रदेश में लोकायुक्त टीम के द्वारा लगातार रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें उनके किए की सजा भी दिलाने के प्रयास में रहते हैं। एक ऐसा ही मामला उज्जैन जिले से सामने आया जहां 1 रिश्वतखोर पटवारी के द्वारा 7 साल पहले शासकीय जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर करने के मामले में रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। जिसे अब न्यायालय ने 4 साल की सजा सुनाई है। इधर रिश्वतखोरी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है हर रोज कोई ना कोई अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जा रहे हैं। इसी तरह राजधानी भोपाल के रेलवे स्टेशन में रेलवे स्टेशन मास्टर के द्वारा कैंटीन संचालक से 6 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ है।

Contents
एमपी (संवाद)। मध्यप्रदेश में लोकायुक्त टीम के द्वारा लगातार रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें उनके किए की सजा भी दिलाने के प्रयास में रहते हैं। एक ऐसा ही मामला उज्जैन जिले से सामने आया जहां 1 रिश्वतखोर पटवारी के द्वारा 7 साल पहले शासकीय जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर करने के मामले में रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। जिसे अब न्यायालय ने 4 साल की सजा सुनाई है। इधर रिश्वतखोरी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है हर रोज कोई ना कोई अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जा रहे हैं। इसी तरह राजधानी भोपाल के रेलवे स्टेशन में रेलवे स्टेशन मास्टर के द्वारा कैंटीन संचालक से 6 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ है।मामले में बताया गया कि उज्जैन में 7 साल पहले पटवारी भैरो सिंह परमार जोकि तहसील महिदपुर के हल्का नंबर 108 में पदस्थ रहा है। उसके द्वारा शासकीय भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करके व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की एवज में 5 हजार की रिश्वत ली गई थी। जिसकी शिकायत लोकायुक्त में होने के बाद लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जिसका केस न्यायालय न्यायालय में विचाराधीन रहा है जहां न्यायालय के द्वारा फैसला सुनाते हुए आरोपी पटवारी भैरो सिंह परमार को 4 साल की सजा सुनाई गई है। जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात में 3 वर्ष का का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड तथा  धारा-13 (1) डी, धारा 13 (2) में चार साल का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड तथा दोनों धाराओं में व्यतिक्रम में 6-6 महीने की सजा के अर्थदंड से दंडित किया गया।जानकारी के मुताबिक उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील अंतर्गत ग्राम जबरसिया निवासी कमल खबरिया और उसके भाई को को शासन के द्वारा 2001 में लगभग 5 बीघा जमीन का पट्टा दिया गया था लेकिन त्रुटि बस राजस्व रिकॉर्ड में उक्त जमीन को सरकारी कर दिया गया था, जिसके रिकॉर्ड सुधार के लिए कमल और उसके भाई के द्वारा पटवारी से इस संबंध में बात की गई तब पटवारी भैरव सिंह परमार ने रिकॉर्ड सुधार की एवज में उनसे 20 हजार के रिश्वत की मांग की गई थी। जिसके शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त से कर दी इसके बाद लोकायुक्त टीम ने साल 2016 में आरोपी पटवारी को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।इधर रिश्वतखोरी के मामले में इस बार रेलवे विभाग के भोपाल रेलवे स्टेशन के स्टेशन मैनेजर कमर्शियल डिपार्टमेंट फंस गए। इनके द्वारा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में नाश्ता और खाने का स्टाल कैंटीन चलाने वाले से 6 हजार की रिश्वत लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा है। इस संबंध में बताया गया कि रेलवे स्टेशन में नाश्ता खाने के कैंटीन को संचालित करने वाले कांट्रेकर सुखबीर सिंह से स्टेशन मैनेजर राजेश रैकवार के द्वारा कैंटीन चलाने के एवज में हर महीने 5 हजार रुपये की मांग कर रहा था।
मामले में बताया गया कि उज्जैन में 7 साल पहले पटवारी भैरो सिंह परमार जोकि तहसील महिदपुर के हल्का नंबर 108 में पदस्थ रहा है। उसके द्वारा शासकीय भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करके व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की एवज में 5 हजार की रिश्वत ली गई थी। जिसकी शिकायत लोकायुक्त में होने के बाद लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जिसका केस न्यायालय न्यायालय में विचाराधीन रहा है जहां न्यायालय के द्वारा फैसला सुनाते हुए आरोपी पटवारी भैरो सिंह परमार को 4 साल की सजा सुनाई गई है। जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात में 3 वर्ष का का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड तथा  धारा-13 (1) डी, धारा 13 (2) में चार साल का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड तथा दोनों धाराओं में व्यतिक्रम में 6-6 महीने की सजा के अर्थदंड से दंडित किया गया।
जानकारी के मुताबिक उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील अंतर्गत ग्राम जबरसिया निवासी कमल खबरिया और उसके भाई को को शासन के द्वारा 2001 में लगभग 5 बीघा जमीन का पट्टा दिया गया था लेकिन त्रुटि बस राजस्व रिकॉर्ड में उक्त जमीन को सरकारी कर दिया गया था, जिसके रिकॉर्ड सुधार के लिए कमल और उसके भाई के द्वारा पटवारी से इस संबंध में बात की गई तब पटवारी भैरव सिंह परमार ने रिकॉर्ड सुधार की एवज में उनसे 20 हजार के रिश्वत की मांग की गई थी। जिसके शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त से कर दी इसके बाद लोकायुक्त टीम ने साल 2016 में आरोपी पटवारी को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
इधर रिश्वतखोरी के मामले में इस बार रेलवे विभाग के भोपाल रेलवे स्टेशन के स्टेशन मैनेजर कमर्शियल डिपार्टमेंट फंस गए। इनके द्वारा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में नाश्ता और खाने का स्टाल कैंटीन चलाने वाले से 6 हजार की रिश्वत लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा है। इस संबंध में बताया गया कि रेलवे स्टेशन में नाश्ता खाने के कैंटीन को संचालित करने वाले कांट्रेकर सुखबीर सिंह से स्टेशन मैनेजर राजेश रैकवार के द्वारा कैंटीन चलाने के एवज में हर महीने 5 हजार रुपये की मांग कर रहा था।

कांट्रैक्टर के द्वारा रिश्वत नहीं देने पर स्टेशन मैनेजर के द्वारा उसके कैंटीन का चालान सहित अन्य जबरिया कार्यवाही की जाती रही है। जिससे परेशान होकर कैंटीन कांट्रैक्टर सुखबीर सिंह ने इस पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त से कर दी। शिकायत सही पाए जाने के बाद लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ने का पूरा प्लान बनाया और जैसे ही कांट्रैक्टर के द्वारा स्टेशन मैनेजर के कार्यालय में रिश्वत की राशि दी गई। उसके तुरंत बाद लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्यवाही कर दी। लोकायुक्त ने स्टेशन मैनेजर को रंगे हाथ पकड़ने के बाद आगे की कार्यवाही में जुटी है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *