उमरिया (संवाद)।आदिवासी जिला उमरिया में एक तो पहले से ही अधिकारियों और कर्मचारियों की बेहद कमी है। वहीं राज्य शासन के द्वारा किए गए स्थानांतरण में भी उपेक्षा बरती गई है। यहां से 4 राज्य प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला अन्यत्र किया गया है। उसके बदले जिले को महज दो राज्य प्रशासनिक अधिकारी मिले हैं इसके पहले ऐसे ही पुलिस निरीक्षकों के ट्रांसफर में भी 5 थाना प्रभारियों का स्थानांतरण कर दिया गया लेकिन उसके बदले सिर्फ 3 निरीक्षक ही जिले को मिले हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पूर्व चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य शासन के द्वारा जिले में 3 वर्षों से जमे सभी अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा रहा है, उन्हें इस जिले से दूसरे जिले भेजा जा रहा है। जिसमें उमरिया जिले से अतिरिक्त कलेक्टर खेमचंद बोपचे, एसडीएम सिद्धार्थ पटेल, हेम करण धुर्वे और डिप्टी कलेक्टर नेहा सोनी का स्थानांतरण जिले से बाहर दूसरे जिले में कर दिया गया है। इसके बदले उमरिया जिले को महज दो अधिकारी जिसमे अपर कलेक्टर शिव गोविंद मरकाम बालाघाट से उमरिया और अमित सिंह बमरोलिया संयुक्त कलेक्टर सिवनी से उमरिया भेजा गया हैं।
गौरतलब है कि आगामी कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में अधिकारियों कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा उमरिया जिले में यह प्रक्रिया कैसे पूर्ण हो सकेगी बड़ा सवाल है। वहीं इसके पहले भी जिले में प्रभारियों के द्वारा किसी कदर काम चलाया जा रहा था। एसडीएम नहीं होने से न्यायालय का काम बुरी तरह प्रभावित है। दूरदराज ग्रामीण इलाकों से आने वाले ग्रामीण आदिवासी दिनभर कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर काटकर बगैर काम कराए वापस लौट रहे हैं।
हालांकि वर्तमान में कुछ हद तक जिले की व्यवस्थाएं बननी शुरू हुई थी कि राज्य शासन के इस स्थानांतरण ने वह भी छीन लिया। 4 राज्य प्रशासनिक अधिकारियों का यहां से स्थानांतरण कर सिर्फ 2 अधिकारियों को ही जिले में भेजा गया है। इसके पहले भी पुलिस विभाग के द्वारा किए गए स्थानांतरण में 5 थाना प्रभारियों को जिले से अन्यत्र कर दिया गया। लेकिन इसके बदले शासन ने मात्र 3 निरीक्षकों को उमरिया भेजा है।