पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान ने पूरे प्रदेश में मचा दी सियासी हलचल,सामूहिक विवाह में लड़कियों की प्रायवेसी भंग का मामला

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एमपी (संवाद)। प्रदेश के पूर्व मुक्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के द्वारा अपने ट्विटर हैंडल से जारी बयान ने पूरे प्रदेश सहित देश सियासी हलचल मचा दी है।उनके द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने सामूहिक विवाह के दौरान सरकारी नुमाइंदों के द्वारा सैकड़ो लड़कियों की प्रायवेसी भंग करने का आरोप लगाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्विटर में लिखा कि प्रदेश के आदिवासी जिले डिंडौरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है। कमलनाथ ने लिखा है कि मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है?

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एमपी (संवाद)। प्रदेश के पूर्व मुक्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के द्वारा अपने ट्विटर हैंडल से जारी बयान ने पूरे प्रदेश सहित देश सियासी हलचल मचा दी है।उनके द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने सामूहिक विवाह के दौरान सरकारी नुमाइंदों के द्वारा सैकड़ो लड़कियों की प्रायवेसी भंग करने का आरोप लगाया है।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्विटर में लिखा कि प्रदेश के आदिवासी जिले डिंडौरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है। कमलनाथ ने लिखा है कि मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है?प्रदेश में शिवराज सरकार के कार्यकाल में मध्य प्रदेश पहले से ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल रहे है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें। यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है।
प्रदेश में शिवराज सरकार के कार्यकाल में मध्य प्रदेश पहले से ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल रहे है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें। यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है।
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