आखिर एसपी ने ऐसा क्या कर दिया की वनमंत्री विजय शाह ने कहा ऐसे वाहियातों को जिले में नही रहने दूंगा

Editor in cheif
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खंडवा (संवाद)। जिले में आयोजित लाडली बहना महासम्मेलन कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों से पुलिस द्वारा बहसबाजी और झूमाझटकी करने के आरोप लगे हैं। इसमें वन मंत्री विजय शाह के पुत्र और खंडवा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह ,पंधाना जनपद की अध्यक्ष सुमित्रा कजले, सहित कई अन्य नाम शामिल हैं। इनका  का आरोप है कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ मंच पर उपस्थित होने की सूची में नाम होने के बावजूद पुलिस ने इन्हें कार्यक्रम में शामिल होने नहीं दिया, बल्कि बेइज्जती की। मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस की ओर बताया गया कि जिले के पुलिस अधीक्षक सतेंद्र कुमार शुक्ला की नई पदस्थापना हुई जिस कारण जनप्रतिनिधियों की पहचान में दिक्कत हुई है।वहीं मामले में नाराज वनमंत्री विजय शाह ने पुलिस अधिकारियों के द्वारा कार्यकर्ताओं से ऐसी वाहियात हरकत करने पर एसपी सतेंद्र कुमार शुक्ला को जिले में नही रहने देने की बात कही है।
खंडवा में मंगलवार को लाडली बहना जागरूकता कार्यक्रम था, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे हुए थे। जिसमें तमाम जनप्रतिनिधियों को शामिल होना था। लेकिन मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगी पुलिस की टीम में अनेक प्रमुख जनप्रतिनिधियों को जाने से रोक दिया। यहां तक कि महिला जनप्रतिनिधियों को भी मंच पर जाने नहीं दिया गया। इसके अलावा जिन लोगों ने जाने की कोशिश की उन्हें धक्केमार कर बाहर निकाल दिया गया। इसमें वन मंत्री विजय शाह के बेटे और खंडवा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह , जनपद पंधाना की अध्यक्ष सुमित्रा कजले,भारतीय जनता युवा मोर्चा के अनेक पदाधिकारियों के साथ पुलिस ने ऐसा ही बर्ताव किया। इन सभी लोगों ने इस घटना की जानकारी भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष और मंत्री विजय शाह को दी। विजय शाह ने भी पुलिस के इस रवैया पर आक्रोश जताया और उन्हें अपना व्यवहार सुधारने की चेतावनी दी।
वही इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की ओर से कोई अधिकृत बयान तो जारी नहीं किया गया है।  लेकिन बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार शुक्ला की नई ज्वाइनिंग है और कुछ दिन पहले ही उन्होंने पदभार ग्रहण किया है। इससे उन्हें वन मंत्री के बेटे को और अन्य जनप्रतिनिधियों को पहचान नही पाये जिस कारण दिक्कत हुई थी।लेकिन आईडी कार्ड बताने के बाद सभी जनप्रतिनिधियों को जाने दिया गया था जिनका नाम मंच की लिस्ट में शामिल था।
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