उमरिया (संवाद)। बड़ी खबर उमरिया जिले से है जहां बीते 4 दिन पहले भारी बारिश के दरमियान 2 लोग अलग- अलग जगहों में पानी के तेज बहाव में बह गए थे जिनका 4 दिन बीतने के बाद भी कोई सुराग नही मिल सका है। जिसमे कोतवाली थाना अंतर्गत धनवाही गांव में बाढ़ से उफनाते नाले में एक 11 वर्षीय बालक तेज बहाव में बह गया था।वहीं इसी दिन चंदिया थाना के ग्राम करहिया निवासी पुलिस आरक्षक महानदी में नहाने के दौरान गहरे पानी मे समा गया ।
जानकारी के मुताबिक बीते 20 अगस्त को पूरे प्रदेश सहित जिले में भी भारी बारिश का दौर रहा है। मौसम विभाग के द्वारा भी हाई अलर्ट की घोषणा की गईं थी। जिसके जिले में 2 दिनों की बारिश से नदी नाले उफान पर रहे है कई जगह जल भराव की स्थिति भी बन गई थी। इसी दौरान जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम धनवाही में बारिश के पानी से उफान पर रहे नरसरहा नाले में एक 11 वर्षीय बालक साहिल सिंह मछली पकड़ने गया था और नाले में तेज बहाव होने के कारण वह बह गया। जिसके बाद उसके परिजन, ग्रामीण और रेस्क्यू टीम के द्वारा उसे ढूढने का प्रयास किया गया लेकिन उसका कहीं भी पता नही चल सका।
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वहीं इसी दिन 20 अगस्त को पुलिस लाइन में पदस्थ ग्राम करहिया निवासी प्रीतम बैगा गांव के पास से गुजरी महानदी में नहाने गया था। जहां उफान पर बह नदी में लापरवाही पूर्वक नहाने के दौरान वह तेज बहाव में बह गया। जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम के द्वारा लगातार उसे ढूढने की कोशिश की गई लेकिन कहीं भी उसका पता नही चला है। एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम लगातार रेस्क्यू अभियान चला रही है घटना स्थल से 25 से 30 किलोमीटर दूर बसाडी घाट तक टीम के द्वारा जाकर पता लगाया गया लेकिन कही भी उसका सुराग नही मिला है।
अब बड़ा सवाल यह कि 20 अगस्त को हुई घटना को 4 दिन बीत चुके है ऐसे में उनके परिजन दुखी होने के साथ परेशान है। जब तक उनका पता नही चल जाता तब तक कुछ भी नही कहा जा सकता कि वह जीवित है या नही।लेकिन अब शायद जीवित होने का भ्रम टूट चुका है क्योंकि 4 दिन बीतने पर उनका कोई सुराग नही मिल रहा है, हो सकता है तेज बहाव में वे यहां से बहुत आगे दूर चले गए हो। ग्राम धनवाही का नरसरहा नाला आगे कुछ दूरी पर उमरार नदी में जाकर मिल जाता है और फिर आगे जाकर उमरार नदी महानदी में मिलती है। वहीं ग्राम करहिया निवासी आरक्षक भी महानदी में बहने के कारण वह नदी सीधी बाणसागर में जाकर मिलती है।
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इसके अलावा 4 दिन बीतने के बाद रेस्क्यू टीम का भी रेस्क्यू महज औपचारिकता बनकर रह गया है वही जिला प्रशासन भी अब इस मामले से अपना ध्यान हटा लिया है। जिसके बाद उनका प्रयास महज फ़ोटो खिंचवाने तक ही सीमित रह गया है। जिले के आदिवासी नेता बाला सिंह टेकाम ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस पूरे मामले पर चिंता जताते हुए शासन-प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने कहा है कि बाढ़ में बहे धनवाही निवासी साहिल सिंह के परिजनों से प्रशासन न तो मिलने आया और न ही कोई मदद करने आया है। परिजनो के सामने बड़ी दुविधा है कि आखिर साहिल सिंह और प्रीतम बैगा जीवित भी है या नही? दोनो ही परिस्थितियों में उनका स्पस्ट पता चलना जरूरी है। अगर वे जीवित नही है तब भी तो यह साफ होना चाहिए क्योंकि उनका संस्कार और पूरी प्रक्रिया भी तो करनी होती है।