सावधान:कहीं आपका नवजात शिशु भी न बदल जाए, दोषी पाए जाने पर नर्सिंग ऑफिसर को किया निलंबित

Editor in cheif
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अनूपपुर (संवाद)। कहीं पर कही से भी जब यह खबर मिलती है कि अस्पताल से नवजात बच्चा चोरी गया या उसे बदल दिया गया है यह सुनकर सभी का कालेजा सिहर उठता है।फिर जन्म देने वाली मां का क्या हाल होता होगा? क्योंकि वह तो मां के लिए कलेजे का टुकड़ा है। एक ऐसी ही घटना मध्यप्रदेश के अनूपपुर के जिला चिकित्सालय से आई है जहां एक नर्स ने दूसरे के बच्चे को मृत बताकर उसके परिजनों को सौप दिया जबकि जानकारी होने पर लापरवाह नर्स को निलंबित कर दिया गया है।
दरअसल 9 अगस्त को मां प्रिया सिंह और उसके परिजनों के द्वारा अपने नवजात शिशु को जिला चिकित्सालय के गहन नवजात शिशु वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था और उसका इलाज चल रहा था कि 13 अगस्त को सुबह 7:30 बजे नवजात शिशु की मां और परिजनों को जानकारी दी गई कि उनका बच्चा मृत हो गया है।जिसके बाद मृत बच्चे को परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन भी मृत बच्चे को लेकर आ गए और उसके अंतिम संस्कार की तौयारी की जाने लगी तभी शिशु के शरीर मे लगे टैग में मां का नाम प्रिया सिंह की जगह ज्योति सिंह लिखा देखा गया।जिसके बाद परिजन तुरंत वापस अस्पताल पहुंच गए और बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। जिसके बाद मीडिया में यह खबर सुर्खियां बन गई।वहीं हंगामा होते देख स्वास्थ्य महकमे के मुखिया सीएमएचओ के द्वारा जांच के आदेश दिए गए।
जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन ने  जांच कराकर अपने प्रतिवेदन में उल्लेख किया कि उस दौरान ड्यूटी में तैनात नर्सिंग ऑफिसर स्वाति साहू की घोर लापरवाही पाई गई है।उसने बिना टैग देखे और बगैर चिकित्सीय डॉक्यूमेंट देखे जानबूझकर बच्चे को बदल दिया है।
सिविल सर्जन के जांच प्रतिवेदन पर सीएमएचओ के द्वारा जारी पत्र में लिखा कि नर्स स्वाति साहू के द्वारा ऐसा कृत्य जानबूझकर किया गया है। जोकि अत्यंत ही आपत्तिजनक और कर्मचारी आचरण संहिता 1965 के विरुद्ध है।जिसके बाद मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत स्वाति साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इस बीच इनका मुख्यालय सीएमएचओ ऑफिस रहेगा।
Photo:google
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