साली से दुष्कर्म करने वाले आरोपी जीजा को आजीवन कारावास,जिला सत्र न्यायालय ने सुनाई सजा

शहडोल (संवाद)। जिले के माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट) शहडोल के द्वारा थाना सिंहपुर के अपराध क्रं0 152/19, में आरोपी लल्लू सपेरा पिताराजनाथ सपेरा निवासी- ग्राम बेलिया, अमलाई जिला शहडोल को धारा 363, 366ए, 376(3), 506 भादवि 5/6 पॉक्सो एक्ट मेे अंतर्गत दोषी पाते हुए धारा 376(3) भादवि में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन तक) एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 5(एन) सपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट आजीवन कारावास एवं 500/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में श्री विश्वजीत पटेल डीपीओ एवं श्रीमती सुषमा सिंह ठाकुर एडीपीओ, शहडोल द्वारा सशक्त पैरवी की गई।
इस मामले की जानकारी देते हुए संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) श्री नवीन कुमार वर्मा नेे बताया कि फरियादिया द्वारा थाना में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि दिनांक
3 जून 2016 को जब फरियादिया अपनी सहेली के साथ एक पेड के नीचे बैठे थी उस समय फरियादिया का जीजा आरोपी लल्लू सपेरा आटो लेकर गया और बोला कि चलो तुम्हे घुमा कर लाता हूॅं और आटो में बैठाकर शहडोल ले आया और उसकी सहेली को ट्रेन में बैठा कर बिलासपुर ले गया फिर रात वाली गाडी से बिलासपुर से वापस 02ः00 बजे राज में लेकर अनूपपुर आया गया।
जिसके बाद अनूपपुर रेल्वे स्टेशन के पास ही किसी लाला नाम के परिचित के घर ले गय और बोला की बच्चियों के साथ रूकना है एक कमरे में लेकर हम दोनों को लेकर सो गया रात में फरियादिया के साथ गलत काम (बलात्कार) किया। जब फरियादिया के मना किया तो बोला चुपचाप रहो नहीं तो तुम्हे मार डालूगा।
जिसके बाद डर के मारे फरियादिया सो गई सुबह 8ः00 बजे जगे तो ओराीप लल्लू सपेरा वहां से भाग गया था।उसके बाद फरियादिया की मां व बुआ स्टेशन पर मिल गई, फरियादिया एवं उसकी सहेली ने घटना की बात उनसे बताई। फिर सभी पुलिस थाना पहुंचकर पूरी घटनाक्रम की रिपोर्ट दर्ज कराई।
फरियादिया की रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना उपरांत प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभियोक्त्री, अभियोक्त्री के माता-पिता एवं अन्य अभियोजन साक्षियों के द्वारा घटना का समर्थन नहीं किया था, प्रकरण में विवेचना अधिकारी के साक्ष्य एवं विशेषज्ञ साक्ष्य डीएनए रिपोर्ट के आधार पर तथा अभियोजन द्वारा की गई सशक्त पैरवी एवं अंतिम तर्को से सहमत होकर प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विचारण उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त को उपरोक्तानुसार दंडित किया गया है।
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