सामूहिक विवाह में वरवधू को दिये नकली आभूषण मचा हड़कंप,मंत्री ने आभूषण वापस कराकर दिलाई नगद राशि

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उमरिया (संवाद)। जिले में गड़बड़ी करने वालों और भ्रष्टाचारियों की लंबी फेहरिस्त है। फिर चाहे वह चुपचाप तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जाए या फिर सामूहिक रूप से सामूहिक विवाह के आयोजन में वर वधु को दिए जाने वाले नकली आभूषण का मामला हो। किसी भी मामले में जिम्मेदार भ्रष्टाचार और गड़बड़ी करने से बाज नहीं आते। वह तो क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश सरकार की मंत्री सुश्री मीना सिंह ने समय रहते वर वधु को दिए गए आभूषण की परख कर ली और उन्होंने जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए नकली आभूषण तुरंत वापस लौटाने और उसके बदले वर वधु को नगद राशि देने के लिए निर्देशित किया है।
दरअसल मध्यप्रदेश शासन की अभिनव योजना सामूहिक विवाह अंतर्गत कन्यादान योजना के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद लड़कियों का विवाह कराया जाता है जिसमें 51 हजार राशि प्रत्येक लड़की के लिए देने का प्रावधान है इसमें इस राशि से जरूर के सामान और वधु को कुछ आभूषण दिया जाना है। इसी योजना के तहत जिले के मानपुर नगर पंचायत में 25 फरवरी को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का आयोजन किया गया था। इसमें 86 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। इस दौरान वर वधु को 12950 रुपए के सोने चांदी के आभूषण दीया जाना था जिसमें इस विवाह के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा वर वधु को नकली आभूषण दिए गए। वह तो इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार की जनजातीय कार्य विभाग मंत्री सुश्री मीना सिंह ने वर वधु को दिए गए आभूषण की परख कर ली और जैसे ही उन्हें यह पता चला कि वर-वधू को दिए गए सोने चांदी के आभूषण नकली हैं। तब उन्होंने जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने मंच से ही निर्देशित किया कि ऐसी गड़बड़ी करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा।

आनन-फानन में अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा वर वधुओ को दिए गए नकली आभूषण वापस ले लिए और मंत्री के निर्देश पर उतनी राशि 12950 रुपए वर वधुओ को नगद दी गई। मंत्री सुश्री मीना सिंह ने साफ तौर पर अधिकारी को अधिकारियों को चेताया की इस तरह की गड़बड़ी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस मामले की जांच कराकर जो भी दोषी सामने आएंगे उनके खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन इसमें बड़ा सवाल यह है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब जिले में इस तरह की गड़बड़ी की गई हो, कई मामलों में जिम्मेदार अधिकारी ऐसी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार करके चुपचाप निकल जाते हैं और किसी को भनक तक नहीं लगती?

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