वरिष्ठ IAS कमिश्नर माल सिंह की कार्यवाही से लापरवाह डॉक्टरों में मचा हड़कंप,कमिश्नर के दौरे के दौरान लापरवाही पाये जाने पर की गई कार्यवाही,विरोध में उतरा डॉक्टर संगठन
इंदौर (संवाद)। मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर के सरकारी स्वास्थ्य महकमे में उस वक्त से हड़कंप मचा हुआ है जब इंदौर के नवनियुक्त कमिश्नर माल सिंह चिकित्सालय के दौरे पर पहुंचे थे। दौरे के दौरान कमिश्नर माल सिंह ने डॉक्टरों की लापरवाही और अनुपस्थिति पाए जाने पर महाराजा तुकोजीराव होलकर (एमटीएच) अस्पताल की उप अधीक्षक डॉ अनुपमा दवे को तत्काल हटाने के निर्देश दे दिए गए। इसके अलावा कमिश्नर के द्वारा एमवाय चिकित्सालय में अनुपस्थित पाए जाने पर कई डॉक्टर टीचर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कमिश्नर की इस कार्यवाही से पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है और अब वह कमिश्नर के निर्देश के विरोध में उतरे हुए हैं।
इस संबंध में जानकारी के मुताबिक इंदौर संभाग में अभी ठीक से 1 सप्ताह भी नहीं हुए हैं वरिष्ठ IAS अधिकारी कमिश्नर माल सिंह को ज्वाइन किए हुए लेकिन लापरवाह अधिकारियों पर नकेल कसने वह जॉइनिंग के साथ ही शुरू कर दी है। हाल ही भोपाल संभाग से स्थानांतरित हुए है वरिष्ठ आईएएस माल सिंह भयडिया को इंदौर संभाग का आयुक्त बनाया गया है।
वरिष्ठ आईएएस माल सिंह के द्वारा इंदौर में ज्वाइन करने के तुरंत बाद वह लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण विभाग स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण दौरे पर पहुंच गए जहां वह स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक जानकारी ली इस दौरान वह महाराजा तुकोजीराव होलकर अस्पताल (एमटीएस) हॉस्पिटल की उप अधीक्षक का की लापरवाही पाते हुए उन्हें वहां से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एमवाई हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान ड्यूटी से कई शिक्षक डॉक्टरों को अनुपस्थित पाया है। जिसमें वह 8 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कैंसर की इस कार्यवाही से पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है जिसके बाद डॉक्टर संगठन के द्वारा इस कार्यवाही का विरोध किया जा रहा है।
कमिश्नर इंदौर की कार्यवाही में प्रभावित हुए डॉक्टरों का आरोप है कि कमिश्नर के द्वारा महाराजा तुकोजीराव होलकर (एमसीएच) हॉस्पिटल की उप अधीक्षक अनुपमा दवे को हटाने की कार्यवाही उचित नहीं है उन्होंने बताया कि कमिश्नर के रीडर के द्वारा उन्हें अपमानित किया गया है। डॉक्टर संगठन के द्वारा इस कार्यवाही को दुर्भावनापूर्ण मानते हुए उन्हें पुनः बहाल करने की मांग की गई है।