उमरिया (संवाद)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत बिलासपुर से कटनी के बीच रेलवे के द्वारा रेल पटरी तीसरी लाइन का निर्माण किया जा रहा है। जहां तीसरी लाइन का काम प्रगति पर है इस दौरान उमरिया जिले के घुनघुटी क्षेत्र में जहां तीसरी लाइन का काम प्रारंभ है और तीसरी लाइन का बेस तैयार किया जा रहा है। वहां मशीनरी सहित मजदूर वर्ग का काम जारी है उस दौरान दिनदहाड़े अचानक खूंखार बाघ पहुंच गया। जिसे देख लोग घबरा गए और उनकी हालत क्या हुई है यह सोचकर भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। हालांकि बाघ किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि वह भी कार्य का निरीक्षण कर वापस जंगल की ओर लौट गया।
दरअसल बिलासपुर जोन से कटनी के मध्य दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा तीसरी लाइन का निर्माण किया जा रहा है। इस पूरे क्षेत्र में कोल माइंस अत्यधिक होने के कारण कोयले के परिवहन के लिए एक अलग से रेल लाइन बनाई जा रही है। जिसका काम बिलासपुर से लेकर कटनी के बीच प्रारंभ है। कई जगह में पटरी बिछाई जा चुकी है लेकिन कई जगह कार्य प्रारंभ है। उमरिया जिले के वन क्षेत्र से जाने जाने वाला घुन्घुटी क्षेत्र में भी अभी तीसरी रेल लाइन का कार्य प्रारंभ है। इस दौरान दिनदहाड़े उसी क्षेत्र में खूंखार बाघ की दस्तक हो गई। जहां मशीनरी सहित काम कर रहे लोग मौजूद थे। बाघ को मौके पर पहुंचा देख काम कर रहे हैं लोगों में अफरा तफरी मच गई और आनन-फानन में लोग इधर-उधर छिपने लगे।
लोगों ने बताया कि बाघ को मौके पर पहुंचते ही काम कर रहे हैं लोग घबरा गए उस दौरान वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया लोग इधर-उधर भागते और छिपते नजर आए। हालांकि बाघ द्वारा किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। बल्कि बाघ जंगल से निकलकर निर्माणधीन तीसरी लाइन तक पहुंचा और इधर उधर घूमने के बाद वह वापस जंगल की ओर चला गया। या ऐसा भी कहा जा सकता है कि घुनघुटी वनक्षेत्र में किए जा रहे तीसरी लाइन के काम को देखने या निरीक्षण करने जंगल का राजा बाघ पहुंचा था और वह मौके का निरीक्षण कर वापस जंगल की ओर लौट गया।