ये है मकरंद, इन्हें जीते जी सरकारी सिस्टम ने मार डाला, अब यह अपने को जिंदा साबित करने लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

Editor in cheif
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उमरिया (संवाद)। 
” हाल ही में सत्य घटना पर बनी फिल्म कागज में एक व्यक्ति को सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर फर्जी तरीके से सरकारी सिस्टम ने मृत घोषित कर दिया। और उसके बाद उसके परिवार वालों ने उसके नाम या हिस्से की जमीन अपने नाम करा ली। कई वर्षों बाद जब उसे यह पता चला कि वह मृत हो चुका है और उसकी फौत बताकर जमीन हड़प ली गई है। जिसके बाद वह अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए कई वर्षों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाता रहा इसके लिए वह कई बार अनशन, भूख हड़ताल के साथ कानून को भी अपने हाथ में लिया तब कहीं जाकर उसे सरकारी सिस्टम ने जिंदा किया। “
लेकिन हम यहां पर किसी फिल्मी कहानी की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि यह सत्य घटना उमरिया जिले की है।”
उमरिया जिले में कभी मुर्दे प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेते हैं तो कभी पंचायत के कामों पर बकायदा मजदूरी करते नजर आ रहे हैं। लेकिन इस बार  इसका उल्टा हुआ है जिसमे जीवित व्यक्ति को सरकारी सिस्टम के द्वारा मृत बना दिया गया ।और वह मृत व्यक्ति अपना आवेदन लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंच गया, जिसके बाद मामला देख कलेक्टर भी भौचक्के रह गये और जांच करने सहित दोषियों पर कार्यवाही की बात कही है। यह मामला मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में अचानक आ धमका और 28 साल पहले मर चुका व्यक्ति कलेक्टर से फरियाद करने लगा, जिसे देखकर सभी अधिकारी भी हैरान और परेशान हो गये।
दरअसल यह पूरा मामला चंदिया तहसील अंतर्गत ताला बड़खेड़ा गांव का है जहां इस व्यक्ति को परिवार के ही लोगों ने जमीन हड़पने के लिए राजस्व विभाग की मिलीभगत से रिकार्ड में मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद अब वह अपने को जिंदा होने और साबित करने के लिए पिछले 28 साल से भूत बनकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। हालांकि मामले में कलेक्टर ने जांच करने की बात कही है।
सही में जिंदा लेकिन सरकारी सिस्टम में मृतक मकरंद पाल ने बताया कि वह ग्राम ताला का रहने वाला है वह खाने कमाने के लिए गांव से बाहर रहता था। इस बीच उसके भाई ने 28 साल पहले राजस्व विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से सांठगांठ कर उसे सरकारी कागजात में मृतक बताकर उसके हिस्से की जमीन हड़प ली है। जिसकी शिकायत करने वह जनसुनवाई में कलेक्टर के पास आया है। उसकी मांग है कि सरकारी कागजों में हेराफेरी करने वालों पर कार्यवाही हो और उसे जिंदा किया जाए।
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